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Swamitva Yojana: स्वामित्व योजना, PM मोदी ने 65 लाख संपत्ति कार्ड देकर ग्रामीणों को दिलाया अधिकार

स्वामित्व योजना से ग्रामीण भारत को नई पहचान
स्वामित्व योजना से ग्रामीण भारत को नई पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। यह वितरण कार्यक्रम देश के 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया गया। इसमें छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिक शामिल थे। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया और लाभार्थियों से संवाद कर इसे ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।

ग्रामीण विकास में स्वामित्व योजना की भूमिका:

स्वामित्व योजना के तहत अब तक 3.17 लाख गांवों में ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि का डिजिटल सर्वेक्षण किया गया है। इस पहल ने 1.53 लाख गांवों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार कर, 2.25 करोड़ से अधिक कार्ड वितरित किए हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने इस योजना में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया, जबकि हरियाणा और उत्तराखंड ने संपत्ति कार्ड तैयार करने में 100% सफलता प्राप्त की। महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों ने भी 98% से अधिक प्रगति दिखाकर अपनी प्रभावशाली भागीदारी दर्ज कराई है।
ड्रोन तकनीक के माध्यम से भूमि दस्तावेजीकरण न केवल पारदर्शिता लाने में मदद कर रहा है, बल्कि ग्रामीण नागरिकों को उनकी भूमि पर वैध अधिकार देने में सहायक सिद्ध हो रहा है। 

संपत्ति कार्ड वितरण का महत्व:

संपत्ति कार्ड ग्रामीण निवासियों को कानूनी अधिकार प्रदान करने का एक मजबूत साधन है। इसके तहत:

  1. बैंक ऋण तक पहुंच: ग्रामीण निवासियों को आसानी से बैंक लोन मिल सकता है।
  2. भूमि विवादों का समाधान: भूमि स्वामित्व के स्पष्ट दस्तावेज़ विवादों को कम करने में मदद करते हैं।
  3. महिलाओं का सशक्तिकरण: महिलाओं को संपत्ति में हिस्सेदारी देकर उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है।
  4. वित्तीय समावेशन: इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति दी है और सतत विकास को बढ़ावा दिया है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का भूमि प्रबंधन मॉडल: स्वामित्व योजना की सफलता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मान्यता मिलने की संभावना है। मार्च 2025 में भारत एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करेगा, जिसमें 40 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा, मई 2025 में भारत वाशिंगटन में विश्व बैंक के भूमि प्रशासन सम्मेलन में भाग लेगा। इन प्रयासों के माध्यम से भारत के भूमि प्रबंधन मॉडल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है।

ग्रामीण भारत में परिवर्तनकारी पहल: 24 अप्रैल 2020 को लॉन्च की गई स्वामित्व योजना ने ग्रामीण भारत में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी संपत्ति कार्ड वितरण जारी रहा, जो इस पहल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह योजना न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को वित्तीय स्थिरता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर कर रही है। इसके माध्यम से:

  • भूमि विवादों में कमी आई है।
  • ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण मिला है।
  • गांवों में स्थायी विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं।

स्वामित्व योजना: ग्रामीण भारत के लिए नई दिशा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना की शुरुआत से अब तक, स्वामित्व योजना ने ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह योजना सिर्फ भूमि पर स्वामित्व का अधिकार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक और आर्थिक बदलाव का प्रतीक है।

निष्कर्ष: स्वामित्व योजना ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। यह न केवल भूमि स्वामित्व को सुरक्षित बनाती है, बल्कि आर्थिक विकास, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव को भी प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम निस्संदेह ग्रामीण भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

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