ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 1 अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) लागू की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पात्र परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के मकान उपलब्ध कराकर "सभी के लिए आवास" के लक्ष्य को प्राप्त करना है। योजना के तहत प्रारंभिक लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2023-24 तक 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण का था।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत सरकार ने 2024-25 से 2028-29 तक के लिए 5 वर्षों की अवधि तक बढ़ाने और इसके तहत 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी है। साथ ही, योजना के तहत संशोधित बहिष्करण मापदंडों का उपयोग करते हुए पात्र ग्रामीण परिवारों की पहचान के लिए आवास+ सूची को अपडेट करने की अनुमति भी दी गई है।
भारत सरकार की इस स्वीकृति के अनुरूप, योजना के तहत अतिरिक्त पात्र ग्रामीण परिवारों की पहचान के लिए एक सर्वेक्षण चलाया जा रहा है। यह सर्वेक्षण आवास+ 2024 मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा रहा है, जिसे 17 सितंबर, 2024 को लॉन्च किया गया था। इस ऐप में स्व-सर्वेक्षण और पूर्व-पंजीकृत सर्वेक्षकों के माध्यम से सहायक सर्वेक्षण दोनों की सुविधा उपलब्ध है।
पंजीकृत सर्वेक्षकों को इस ऐप की कार्यक्षमता और उपयोग से परिचित कराने के लिए ओरिएंटेशन कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। अब तक, इस योजना को लागू कर रहे 26 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 2 लाख से अधिक सर्वेक्षकों और अन्य क्षेत्रीय कर्मचारियों को आवास+ 2024 मोबाइल ऐप के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के माध्यम से सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर जरूरतमंद परिवार को सुरक्षित और स्थायी आवास प्रदान किया जाए।
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