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आलू भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है, और इसका मूल्य किसान, व्यापारी और उपभोक्ता सभी के लिए महत्वपूर्ण है। टुडे मंडी भाव के अनुसार, 21 दिसंबर 2024 को बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की प्रमुख मंडियों में आलू का भाव क्या रहा, यह जानना हर किसी के लिए उपयोगी हो सकता है। इस लेख में हम आपको ताजा कीमतों, कुल आपूर्ति और बाजार के रुझान के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
आरा मंडी में आलू का भाव: आरा बाजार में 4 टन ‘ज्योति’ किस्म के आलू का आगमन हुआ। यहां आलू की कीमत ₹2400 प्रति क्विंटल से ₹2600 प्रति क्विंटल के बीच रही, और मोडल प्राइस ₹2500 प्रति क्विंटल रहा। इस बाजार में आलू की आपूर्ति कम थी, लेकिन कीमतें स्थिर और अच्छी रहीं, जिससे किसान और व्यापारी दोनों को लाभ मिल सकता है।
फोर्ब्सगंज मंडी में आलू का भाव: फोर्ब्सगंज बाजार में 200 टन ‘ज्योति’ किस्म के आलू का भारी आगमन हुआ। यहां न्यूनतम कीमत ₹1700 प्रति क्विंटल, अधिकतम ₹2100 प्रति क्विंटल, और मोडल प्राइस ₹1900 प्रति क्विंटल रहा।
आगर मंडी में आलू का भाव: आगर बाजार में 3.3 टन आलू का आगमन हुआ। यहां आलू की कीमत ₹1100 प्रति क्विंटल पर स्थिर रही। यह कीमत अन्य मंडियों की तुलना में कम रही, जिससे इस बाजार में आलू की मांग कम होने का संकेत मिलता है।
अलीगढ़ मंडी में आलू का भाव: अलीगढ़ बाजार में 320 टन ‘देशी’ किस्म के आलू का आगमन हुआ। यहां की कीमतें ₹1800 प्रति क्विंटल से ₹2000 प्रति क्विंटल के बीच रहीं, और मोडल प्राइस ₹1880 प्रति क्विंटल था। यह मंडी आलू की बड़ी आपूर्ति के लिए जानी जाती है, और यहां कीमतें स्थिर और उचित बनी रहीं।
कमलागंज मंडी में आलू का भाव: कमलागंज बाजार में 89 टन ‘देशी’ किस्म के आलू का आगमन हुआ। यहां की न्यूनतम कीमत ₹1600 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹1614 प्रति क्विंटल रही, जबकि मोडल प्राइस ₹1610 प्रति क्विंटल था।
संभल मंडी में आलू का भाव: संभल बाजार में 21 टन ‘देशी’ किस्म के आलू का आगमन हुआ। यहां न्यूनतम कीमत ₹1400 प्रति क्विंटल, अधिकतम ₹1650 प्रति क्विंटल, और मोडल प्राइस ₹1500 प्रति क्विंटल रहा। यहां कीमतें अन्य मंडियों की तुलना में कम थीं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में मांग सीमित हो सकती है।
निष्कर्ष: आलू के भाव और आपूर्ति में टुडे मंडी भाव के अनुसार, मंडियों के आधार पर भिन्नता देखी गई। फोर्ब्सगंज और अलीगढ़ में भारी आपूर्ति के बावजूद कीमतें संतुलित बनी रहीं, जबकि आगर और संभल जैसे बाजारों में कम कीमतें और सीमित मांग दर्ज की गईं। यह विविधता किसानों और व्यापारियों के लिए उनके मंडी चयन और बिक्री रणनीति बनाने में सहायक हो सकती है।