आज पंजाब और हरियाणा की कई प्रमुख मंडियों में आलू की अच्छी आवक दर्ज की गई। इस दौरान भाव किस्म, गुणवत्ता और मंडी के अनुसार अलग-अलग देखने को मिले। कुछ मंडियों में दाम स्थिर रहे, तो कुछ स्थानों पर थोड़ी नरमी भी नजर आई। टुडे मंडी भाव के अनुसार, मंडियों में आलू की कीमतें मुख्य रूप से उसकी ग्रेडिंग और स्थानीय मांग पर निर्भर करती हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे स्टोर किए हुए आलू को मंडी में लाने से पहले लेटेस्ट मंडी प्राइस की जानकारी जरूर लें, ताकि उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके। सही समय और सही मंडी का चुनाव ही बेहतर मुनाफे की कुंजी है।
दिनानगर मंडी में आलू का भाव: दिनानगर मंडी में आज आलू की कुल आवक 3.45 टन रही। यहाँ पर न्यूनतम भाव ₹1000 और अधिकतम ₹1200 प्रति क्विंटल तक दर्ज किए गए। मॉडल रेट ₹1100 रहा। अच्छी क्वालिटी के आलू की माँग बनी हुई है, जिससे किसानों को संतोषजनक दाम मिले।
मुकेरियां (तलवाड़ा) मंडी में आलू का भाव: मुकेरियां की मंडी में आज 2.8 टन आलू की आवक रही। यहाँ आलू के भाव ₹600 से ₹1000 प्रति क्विंटल के बीच रहे। मॉडल रेट ₹800 रहा। इस मंडी में छोटे आकार या कम ग्रेड के आलू के कारण थोड़ी कीमत में कमी देखी गई।
अबोहर मंडी में आलू का भाव: अबोहर मंडी में आज आलू की 15 टन आवक दर्ज की गई। यहां आलू के दाम ₹425 से ₹980 प्रति क्विंटल के बीच रहे और मॉडल भाव ₹700 रहा। आवक अच्छी रही लेकिन क्वालिटी में विविधता के कारण भाव में उतार-चढ़ाव देखा गया।
साहनेवाल मंडी में आलू का भाव: साहनेवाल मंडी में आज कुल 4.2 टन आलू आया। मंडी में भाव ₹800 से ₹820 प्रति क्विंटल तक रहे और मॉडल रेट ₹810 दर्ज किया गया। यहां पर आलू की क्वालिटी अच्छी रही, जिससे भाव भी अपेक्षाकृत स्थिर बने रहे।
टांडा उरमुर मंडी में आलू का भाव: टांडा उरमुर मंडी में आज 3.1 टन ‘अन्य’ किस्म के आलू की आवक रही। यहां आलू के भाव ₹1000 से ₹1200 प्रति क्विंटल तक देखे गए, और मॉडल रेट ₹1100 रहा। इस मंडी में लोकल डीलरों की सक्रियता के कारण भाव थोड़े बेहतर नजर आए।
गुड़गांव मंडी में आलू का भाव: गुड़गांव मंडी में आज सबसे अधिक 185.4 टन आलू की भारी आवक देखी गई। यहाँ ‘अन्य’ किस्म के आलू ₹1000 से ₹1200 प्रति क्विंटल में बिके और मॉडल रेट ₹1100 रहा। यहाँ पर आलू की डिमांड बनी रही, जिससे किसानों को अच्छे रेट मिल पाए।
किसानों के लिए सुझाव: अगर आपने आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखा है, तो भाव की स्थिति के अनुसार धीरे-धीरे बिक्री करें। जिन किसानों के पास बड़ी मात्रा में माल है, वे मंडी की तुलना करते हुए निकटवर्ती बाजारों का रुख भी कर सकते हैं। इसके अलावा, अच्छी सफाई और ग्रेडिंग से भाव बढ़ाने में मदद मिलती है।
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