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Pradhan Mantri Asha Yojana: किसानों को सशक्त बनायेगी प्रधानमंत्री आशा योजना, रबी 2023-24 में 6.41 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद

पीएम-आशा योजना
पीएम-आशा योजना

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें मुख्य है न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), जो किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करती है। यह नीति खेती में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करने और उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एमएसपी के तहत खरीफ और रबी सीजन में प्रमुख फसलें जैसे अनाज, श्रीअन्न (मिलेट्स), दलहन, तिलहन, नारियल, कपास और जूट शामिल हैं। सरकार इन 24 फसलों के लिए एमएसपी उत्पादन लागत (सीओपी) का 1.5 गुना तय करती है।

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना 2018 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य दलहन, तिलहन और नारियल की कीमतों को स्थिरता प्रदान करना, किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और दलहन व तिलहन की ओर फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है।

पीएम-आशा योजना के तहत किसानों को सशक्त बनाने की पहल:

  1. मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस): यह योजना राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर लागू होती है, जो अधिसूचित दलहन, तिलहन और नारियल की खरीद पर मंडी कर छूट देती हैं। वर्ष 2024-25 से पीएसएस के तहत उत्पादन सीमा के 25% तक की खरीद की अनुमति दी गई है।
  2. मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस): यह योजना तिलहन उत्पादकों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करती है। इस योजना के तहत किसानों को एमएसपी और बाजार मूल्य के अंतर की राशि सीधे उनके खातों में दी जाती है।
  3. बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस): यह योजना टमाटर, प्याज, आलू (टीओपी फसलें) जैसे नाशवंत कृषि/बागवानी उत्पादों के लिए है। जब बाजार मूल्य सामान्य मौसम के औसत मूल्य से 10% तक कम हो जाता है, तो यह योजना लागू की जाती है।

रबी और खरीफ सीजन में लाखों किसानों को मिला MSP का लाभ:

रबी सीजन 2023-24 में 6.41 लाख मीट्रिक टन दलहन (2.49 लाख मीट्रिक टन मसूर, 43,000 मीट्रिक टन चना और 3.48 लाख मीट्रिक टन मूंग) की खरीद की गई। 4,820 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य से 2.75 लाख किसानों को लाभ हुआ। 12.19 लाख मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की गई, जिससे 5.29 लाख किसानों को 6,900 करोड़ रुपये का एमएसपी लाभ मिला। खरीफ सीजन 2024-25 में सोयाबीन की कीमतें एमएसपी से काफी नीचे थीं। सरकार ने पीएसएस योजना के तहत 5.62 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की, जिससे 2,42,461 किसानों को 2,700 करोड़ रुपये का लाभ मिला।

कृषकों के लिए योजना के लाभ: पीएम-आशा ने 2018-19 से अब तक 195.39 लाख मीट्रिक टन दलहन, तिलहन और नारियल की खरीद की है, जिसका एमएसपी मूल्य 1,07,433.73 करोड़ रुपये है। इससे 99.30 लाख किसानों को लाभ पहुंचा है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हुई है।

 

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