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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिये ₹11,79,859 करोड़ की मंजूरी

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

भारत की 75वीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण से लड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक, विशेष रूप से वंचित वर्ग, को पोषक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि एक स्वस्थ और सशक्त भारत का निर्माण हो सके। हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा सभी सरकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल के वितरण को स्वीकृति दी गई है, जो प्रधानमंत्री के कुपोषण मुक्त भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

PMGKAY के तहत 2028 तक मिलेगा फोर्टिफाइड चावल का लाभ:

मंत्रिमंडल ने सभी सरकारी कल्याण योजनाओं, जिनमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भी शामिल है, के तहत फोर्टिफाइड चावल की सार्वभौमिक आपूर्ति को जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक विस्तारित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

  • जून 2024 के बाद और 31 दिसंबर 2028 तक चावल फोर्टिफिकेशन पहल का विस्तार।
  • विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत चावल फोर्टिफिकेशन पहल को एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की लागत को पहले से स्वीकृत ₹11,79,859 करोड़ के PMGKAY आवंटन से वहन किया जाएगा।

फोर्टिफाइड चावल से आयरन की कमी 35% तक कम होने की संभावना:

इस पहल का उद्देश्य कमजोर वर्गों को आवश्यक पोषक तत्वों जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 से समृद्ध फोर्टिफाइड चावल प्रदान करके उनके पोषण स्तर को बढ़ाना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक विश्लेषण के अनुसार, चावल फोर्टिफिकेशन से आयरन की कमी का खतरा 35% तक कम हो सकता है। इस पहल के तहत अनुमानित वार्षिक खर्च ₹2,565 करोड़ है, जो प्रति वर्ष 16.6 मिलियन विकलांगता समायोजित जीवन वर्षों (DALYs) को टालने की क्षमता रखता है और स्वास्थ्य सेवाओं में लगभग ₹49,800 करोड़ की बचत कर सकता है। 

2020 में 15 राज्यों में चावल फोर्टिफिकेशन की पायलट योजना की शुरुआत के बाद से इस कार्यक्रम ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2019-20 से 31 मार्च 2024 तक, PDS के माध्यम से लगभग 406 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल वितरित किया गया, जिससे देशभर में लाखों लोगों के पोषण में वृद्धि हुई है।

फोर्टिफिकेशन के जरिए भारत में पोषण सुधार की दिशा में सफल प्रयास:

फोर्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत खाद्य पदार्थों में आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को जोड़ा जाता है, जिससे उसकी पोषण क्षमता बढ़ती है। वैश्विक स्तर पर फोर्टिफिकेशन कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय के रूप में अपनाया गया है। भारत में फोर्टिफिकेशन पहले से ही सफल साबित हो चुका है, जैसे कि आयोडीन युक्त नमक के माध्यम से आयोडीन की कमी और घेंघा जैसी बीमारियों को नियंत्रित किया गया है।

पोषण में सुधार के लिए सरकार की पहल: सरकार ने इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें फोर्टिफाइड चावल का वितरण भी शामिल है। भारत में लगभग 65% आबादी के लिए चावल मुख्य आहार है, जिससे यह आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति का एक उपयुक्त माध्यम बनता है। इस प्रक्रिया के तहत फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स को नियमित चावल में मिलाया जाता है, जो FSSAI द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करता है। चावल फोर्टिफिकेशन के माध्यम से सरकार का उद्देश्य विशेष रूप से कुपोषित लोगों के लिए तेजी से पोषण की आपूर्ति को बढ़ाना है।

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