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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत, ड्रिप सिस्टम, पाइप लाइन सेट एवं पंपसेट पर 55% सब्सिडी: 5 जून से पहले करें आवेदन
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के हित में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ड्रिप सिस्टम, स्प्रिंकलर सेट, पाइप लाइन सेट, और पंपसेट पर सब्सिडी की घोषणा की है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 जून कर दिया गया है। यह मौका उन सभी किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अब तक आवेदन नहीं कर पाए थे। आइए जानते हैं कि Sinchai Yantra Subsidy योजना में कौन से दस्तावेज आवश्यक होंगे और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत, किसान ड्रिप सिस्टम, स्प्रिंकलर सेट, पाइप लाइन सेट, और पंपसेट पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। ये योजनाएं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (माइक्रो इरीगेशन), राष्ट्रीय मिशन ऑन ईडिबल ऑइल तिलहन, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा दलहन, गेहूं, टरफा, धान और बुंदेलखंड विशेष पैकेज दलहन के अंतर्गत आती हैं।
स्प्रिंकलर सेट:
स्प्रिंकलर सेट (इकाई लागत 19600/ हेक्टेयर)
स्प्रिंकलर सेट एक प्रभावी सिंचाई प्रणाली है जो पानी की बचत और फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करती है। राज्य माइक्रोइरीगेशन योजना के अंतर्गत, सभी श्रेणियों के लघु, सीमांत और अन्य किसानों को स्प्रिंकलर सेट की इकाई लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम रु. 12000/- का अनुदान प्रदान किया जाता है। यह अनुदान किसानों को उन्नत तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है जिससे उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार होता है।
ड्रिप सिस्टम, जल बचत और उत्पादन वृद्धि: ड्रिप सिस्टम (इकाई लागत 80000/ हेक्टेयर) - ड्रिप सिस्टम एक उच्च तकनीकी सिंचाई प्रणाली है जो पानी की न्यूनतम बर्बादी के साथ फसलों को सीधे जड़ स्तर पर पानी पहुंचाती है। इस प्रणाली से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि फसल की पैदावार भी बढ़ती है। राज्य योजना के तहत, सभी श्रेणियों के लघु, सीमांत और अन्य किसानों को ड्रिप सिस्टम की इकाई लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम रु. 40000/- का अनुदान दिया जाता है।
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मोबाइल रेनगन, सुविधाजनक सिंचाई: मोबाइल रेनगन (इकाई लागत 31600/ हेक्टेयर) - मोबाइल रेनगन एक आधुनिक सिंचाई उपकरण है जो आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है और फसलों को समान रूप से पानी देता है। राज्य माइक्रोइरीगेशन योजना के तहत, सभी श्रेणियों के लघु, सीमांत और अन्य किसानों को मोबाइल रेनगन की इकाई लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम रु. 15000/- का अनुदान प्रदान किया जाता है।
राज्य माइक्रोइरीगेशन योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले अनुदान से किसानों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
योजना का उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक सिंचाई यंत्र उपलब्ध कराकर उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है। इससे जल की बचत होती है और सिंचाई के लिए कम श्रम की आवश्यकता होती है।
सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्रता: केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासी किसान ही इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। लघु एवं सीमांत किसानों को इकाई लागत का 55% तक अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य वर्ग के किसानों को 45% तक सब्सिडी दी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज:
सब्सिडी के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, किसान e-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल https://farmer.mpdage.org/Home/Index पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। यहाँ आवेदन की प्रक्रिया सरल और सीधी है।
अधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कैसे करें:
आवेदन के बाद की प्रक्रिया: आवेदन के बाद, आपके दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इसके बाद आपके बैंक खाते में सब्सिडी की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।
किसान के लिए सुझाव: किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द आवेदन करें ताकि सब्सिडी का लाभ उठा सकें। सभी दस्तावेजों को सही और पूर्ण तरीके से जमा करें।
निष्कर्ष: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इसके तहत मिलने वाले अनुदान से किसान उन्नत और आधुनिक सिंचाई का उपयोग कर रहे हैं जिससे उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद कर रही है बल्कि जल संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही है। अतः सभी पात्र किसान इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी कृषि को और अधिक समृद्ध बनाएं।