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PMMSY: महिलाओं के लिए उद्यमिता और आजीविका सृजन में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की भूमिका

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र का समग्र विकास करना है। इस योजना के तहत हाशिए पर मौजूद समुदायों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाना प्रमुख लक्ष्य है। PMMSY के लाभार्थी महिलाओं को 60% तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक, इस योजना के तहत कुल ₹3049.91 करोड़ के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए गए, जिनसे 56,850 महिलाओं को लाभ मिला, जिनमें तमिलनाडु राज्य की 11,642 महिलाएं शामिल हैं। तमिलनाडु में समुद्री शैवाल (सीवीड) की खेती को मिशन मोड में बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए वित्तीय, विपणन और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि छोटे मछुआरों विशेष रूप से महिलाओं और महिला प्रधान मछुआरा परिवारों की आय और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।

महिला लाभार्थियों की भूमिका Role of women beneficiaries:

मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में महिला लाभार्थी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। PMMSY के तहत उन्हें विभिन्न गतिविधियों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिनमें मछली पालन, हैचरियों, समुद्री शैवाल खेती, बाइवेल्व कल्टीवेशन, सजावटी मत्स्य पालन, मछली प्रसंस्करण और विपणन शामिल हैं। यह व्यापक गतिविधियां महिलाओं को मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला के उत्पादन से लेकर कटाई-उपरांत प्रबंधन तक की विभिन्न पहलुओं में भागीदारी का अवसर प्रदान करती हैं।

5000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण और नई दिशा Training and new direction to more than 5000 women:

PMMSY के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं। राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, उन्हें उद्यमिता के संसाधन प्रदान करने, कौशल विकास और आजीविका सृजन के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) ने महिला उद्यमिता मॉडल पर कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है, ताकि महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने और नवीन व एकीकृत दृष्टिकोण के साथ व्यावसायिक मॉडल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। देश भर के विभिन्न संस्थानों, विश्वविद्यालयों के माध्यम से 5,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।

PMMSY के तहत वित्तीय सहायता और आजीविका सुधार: PMMSY के केंद्रीय क्षेत्र के तहत महिलाओं को कुल परियोजना लागत का 60% तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता ₹5 करोड़ की परियोजना लागत पर ₹1.50 करोड़ तक की सब्सिडी के रूप में दी जाती है। स्वीकृत और लागू परियोजनाओं की निगरानी राज्य के जिला स्तर के अधिकारी करते हैं, ताकि योजना का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही योजना के क्रियान्वयन और धन के उपयोग की निगरानी राज्यों से प्राप्त भौतिक और वित्तीय प्रगति रिपोर्ट के माध्यम से की जाती है। इस योजना के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली है, साथ ही उनकी आजीविका और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।

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