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Pradhan Mantri Mudra Yojana: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: 10 वर्षों में करोड़ों को रोजगार, महिलाओं को मिला आर्थिक संबल

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने आज देश के छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त करते हुए 10 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस योजना का उद्देश्य "अवितरित को वित्त देना" (Funding the Unfunded) है, जिसके तहत गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र की आय सृजन गतिविधियों के लिए ₹20 लाख तक के बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं।

₹33.65 लाख करोड़ के 52.37 करोड़ ऋण वितरित:

अब तक इस योजना के अंतर्गत ₹33.65 लाख करोड़ से अधिक राशि के ऋण 52.37 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं, जिससे देशभर में छोटे व्यवसायियों में नया आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ है। इनमें से 68% ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी नई दिशा मिली है।

Tarun Plus श्रेणी से मिलेगा ₹20 लाख तक ऋण:

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मुद्रा ऋण की सीमा बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी है, जो 24 अक्टूबर 2024 से लागू हो गई है। इसके तहत एक नई श्रेणी ‘तरुण प्लस’ (Tarun Plus) की शुरुआत की गई है, जो उन लाभार्थियों के लिए है, जिन्होंने पूर्व में 'तरुण' श्रेणी के ऋण लिए और उन्हें समय पर चुकाया है।

इन ऋणों को बैंकों, NBFCs, माइक्रो फाइनेंस संस्थानों और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। साथ ही, क्रेडिट गारंटी फंड फॉर माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) के माध्यम से इन ऋणों को गारंटी भी दी जा रही है।

समान विकास में अहम भूमिका: वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह योजना न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर सबसे सफल उद्यमिता प्रोत्साहन योजनाओं में से एक बन चुकी है। यह योजना एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के उद्यमियों को भी मुख्यधारा से जोड़ रही है।

ऋण वितरण की प्रमुख श्रेणियां: योजना के अंतर्गत ऋण चार श्रेणियों में दिए जाते हैं: शिशुओं को ₹50,000 तक, किशोर को ₹50,000 से ₹5 लाख तक, तरुण को ₹5 लाख से ₹10 लाख और तरुण प्लस को ₹10 लाख से ₹20 लाख तक। इन ऋणों से विनिर्माण, सेवा, व्यापार और कृषि से संबंधित गतिविधियों जैसे डेयरी, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन आदि को बढ़ावा मिल रहा है।

MSME क्षेत्र की महिला उद्यमी ने जताया आभार: रायबरेली की एक महिला उद्यमी ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में MSME क्षेत्र को मिली सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब लाइसेंस प्राप्त करना और वित्तीय सहायता लेना पहले की तुलना में कहीं अधिक आसान हो गया है। उन्होंने अपनी बेकरी व्यवसाय की सफलता साझा की, जिसकी मासिक आमदनी ₹2.5 से ₹3 लाख है और जिससे 7-8 लोगों को रोजगार मिला है।

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