महाकुंभ 2025 देशभर के कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो रहा है। प्रयागराज में संगम के तट पर आयोजित इस भव्य आयोजन में ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ODOP) की शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है, जो 6000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें फीरोज़ाबाद के कांच के खिलौने, बनारस के लकड़ी के खिलौने, कालीन, ज़री-जरदोजी और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद प्रमुख आकर्षण बन रहे हैं।
प्रयागराज मंडल के संयुक्त आयुक्त (उद्योग) शरद टंडन ने बताया कि 2019 के कुंभ मेले में 4.30 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जबकि इस बार व्यापार का आंकड़ा 35 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। यह व्यापार और रोजगार सृजन के नए अवसर खोलेगा।
फ्लिपकार्ट का मुफ्त प्लेटफॉर्म: महाकुंभ में फ्लिपकार्ट ने भी एक स्टॉल लगाया है, जहां उद्यमियों को अपने उत्पाद मुफ्त में बेचने का मौका मिल रहा है। फ्लिपकार्ट के इस स्टॉल पर बड़ी संख्या में खरीदार और दर्शक पहुंच रहे हैं।
काशी (वाराणसी) के कारीगरों ने प्रदर्शनी में लकड़ी के खिलौने, बनारसी ब्रोकेड, धातु शिल्प और धातु ढलाई के उत्पाद पेश किए हैं। भौगोलिक संकेतक (GI) विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि ODOP योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 75 GI उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जिनमें से 34 उत्पाद काशी क्षेत्र से हैं। इनमें वाराणसी की लाल मिर्च, बनारसी साड़ी, प्रतापगढ़ का आंवला, मिर्जापुर के पीतल के बर्तन और गोरखपुर की टेराकोटा शिल्पकला शामिल हैं। इसके अलावा कुशीनगर के कालीन और फीरोज़ाबाद के कांच के खिलौने और बर्तन भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
रोजगार और नवाचार को बढ़ावा: यह ओडीओपी पहल हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक अभूतपूर्व प्रयास है। महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि उद्यमियों के लिए एक विशाल मंच भी बन चुका है। दुनिया भर से लोग यहां आकर कारीगरों के उत्पादों को देख रहे हैं, सराह रहे हैं और खरीद रहे हैं।
उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की पहल: प्रदर्शनी में बनारसी ठंडाई, लाल पेड़ा, बनारसी तबला और दीवार की पेंटिंग जैसी अनूठी कृतियों को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से कारीगरों की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिल रही है।
ये भी पढें:-