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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत (PMEGP) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा 2008-09 से एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना का नोडल एजेंसी है। यह योजना देश में विशेषकर उत्तराखंड में गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम स्थापित कर रोजगार के अवसर सृजित करने में मदद करती है।
PMEGP एक केंद्रीय योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% मार्जिन मनी (MM) सब्सिडी प्रदान करती है। विशेष श्रेणियों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, उत्तर-पूर्व क्षेत्र, पर्वतीय और सीमावर्ती क्षेत्रों के लाभार्थियों तथा आकांक्षी जिलों के लिए यह सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है।
उद्यमों के उन्नयन और विस्तार के लिए सहायता: 2018-19 से PMEGP और मुद्रा योजनाओं के तहत मौजूदा सफल उद्यमों को उन्नयन और विस्तार के लिए द्वितीय ऋण (2nd Loan) के माध्यम से सहायता दी जा रही है।
PMEGP एक केंद्रीय योजना है, इसलिए इसमें राज्यों के लिए अलग-अलग बजट आवंटन नहीं किया जाता। बजट की उपयोगिता मांग और वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकृत ऋणों के आधार पर होती है।
वित्तीय वर्षों 2021-22 से 2025-26 के लिए PMEGP के लिए ₹13,554.42 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।
PMEGP के तहत ₹12.01 करोड़ की सब्सिडी का लाभ: वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखंड राज्य में 430 लाभार्थियों को ₹12.01 करोड़ की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई है। इसके अलावा, राज्य में ₹8.08 करोड़ की 77 सब्सिडी दावों की प्रक्रिया लंबित है। यह जानकारी केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे ने आज राज्यसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
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