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प्रधानमंत्री मत्स्य पालन में 20,050 करोड़ का बड़ा निवेश, जानें इन नई परियोजनाओं के बारे में

प्रधानमंत्री मत्स्य पालन
प्रधानमंत्री मत्स्य पालन

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ पर मत्स्य पालन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने तथा भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कई पहलों और परियोजनाओं का शुभारंभ किया। केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, केरल ने एक पायलट परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के तहत इनलैंड फिशरीज (मछली पालन) में निगरानी और प्रबंधन में ड्रोन की क्षमता का पता लगाया जाएगा।

मोती और समुद्री शैवाल की खेती के लिए क्लस्टरों की होगी स्थापना:

केंद्रीय मंत्री ने मत्स्य पालन क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत मोती की खेती, सजावटी मत्स्य पालन और समुद्री शैवाल की खेती के लिए समर्पित तीन विशेष मत्स्य उत्पादन और प्रसंस्करण क्लस्टरों की स्थापना की घोषणा की। इन क्लस्टरों द्वारा विशिष्ट क्षेत्रों में सामूहिकता, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना है, जिससे उत्पादन और बाजार पहुंच दोनों में वृद्धि होगी। यह मत्स्य पालन में प्रौद्योगिकी को शामिल करने की दिशा में एक कदम है। इसका उद्देश्य अंतर्देशीय मत्स्य पालन की निगरानी और प्रबंधन में ड्रोन की क्षमता का पता लगाना दक्षता और स्थिरता में सुधार करना है।

200 करोड़ रुपये से 100 गांवों को मिलेगी फूड सिक्योरिटी:

केंद्रीय मंत्री ने तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100  तटीय गांवों को जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों (CRCFV) में शामिल किया गया है। इसके लिए  200 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।  बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के बीच मछली पकड़ने वाले समुदायों के लिए खाद्य सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ बुनियादी ढांचे में सुधार और जलवायु-स्मार्ट आजीविका पर ध्यान केंद्रित करेगी।

5 एक्वा पार्क और 800 हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन का विकास:

721.63 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली प्राथमिकता परियोजनाओं की घोषणा की गई:

जिसमें समग्र जलीय कृषि  विकास का समर्थन करने के लिए असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड राज्यों में पांच एकीकृत एक्वा पार्कों का विकास, जलीय कृषि और एकीकृत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पंजाबराज्यों में 800 हेक्टेयर खारे  क्षेत्र और एकीकृत मछली पालन शामिल हैं।

मत्स्य पालन में 20,050 करोड़ अब तक का सबसे बड़ा निवेश: पीएमएमएसवाई योजना मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में 20,050 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। मछली पकड़ने वाले जहाजों पर 364 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख ट्रांसपोंडर मुफ्त लगाए जाएंगे जिससे मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकें। यह तकनीक मछुआरों को समुद्र में रहते हुए उनके परिवारों और मत्स्य विभाग के अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ रखेगी।

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