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Cotton Protection From Diseases in Hindi: कपास में फूल कम लगने, और झड़ने जैसी समस्याएं दूर करेगा ये तरीका

कपास-में-फूल-कम-लगने-और-झड़ने-जैसी-समस्याएं-दूर-करेगा-ये-तरीका
कपास-में-फूल-कम-लगने-और-झड़ने-जैसी-समस्याएं-दूर-करेगा-ये-तरीका

कपास का प्रयोग पूरी दुनिया में प्रमुख रूप से होता है। इसका इस्तेमाल कपड़ा उत्पादन में होता है। ऐसे में इसकी खेती से किसानों को फायदा भी होता है क्योंकि इसके अच्छे दाम मिल जाते हैं। इसकी मांग भी अधिक होती है। लेकिन किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती होती है इस फसल को रोगों और कीटों से बचाना। गुलाबी सुंडी नाम की भी एक ऐसी ही समस्या है। इससे कपास को अधिक नुकसान होता है। इसमें फूल गिरने की भी समस्या आती है। इन सबसे उपज पर प्रभाव पड़ता है और किसानों की आय कम होने की आशंका बनी रहती है। इस खबर में हम बताएंगे कि कैसे इन समस्याओं से कैसे बचा जा सकता है।

फूल गिरने के कई कारण:

कपास खरीफ सीजन की फसल होती है। अगस्त के दौरान कपास में कम फूल लगना और लगे हुए फूलों के झड़ने की समस्या विशेष रूप से सामने आती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कपास के फूलों के गिरने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें जल जमाव, पोषक तत्वों की कमी और कीटों का प्रकोप शामिल है।
कपास के फूल गिरने के पीछे कुछ कारण होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार अगस्त के समय धूप और सूरज की किरणों की तीव्रता बहुत कम होती है। इस कारण पौधे ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं कर पाते हैं। जो मुख्य रूप से पौधों में हार्मोन उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगस्त में बारिश होने से जल भराव की भी स्थिति हो जाती है और इसके कारण मिट्टी से फसल को पोषक तत्व भी नहीं मिल पाते हैं।

किसान ऐसे करें छिड़काव: 

इन सब समस्याओं से समस्या से बचने के लिए किसानों को 15 लीटर पानी में 15 ग्राम न्यूट्रीवन डॉट-बोरान 20% मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. 15 लीटर पानी में 4.5 मिलीलीटर प्लानोफिक्स बायर-अल्फा नेफथिल एसिटिक एसिड 4.5% SL मिला कर छिड़काव करने से भी इस समस्या पर नियंत्रण किया जा सकता है. रस चूसक कीटों पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 8 ग्राम थायामिथोक्साम 25% WG (देहात एसीयर) या एन्टोकिल का प्रयोग कर सकते हैं. इससे काफी फायदा होता है.

ये उपाय भी आयेंगे काम:
1. किसानों को खेत से पानी निकासी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
2. साथ ही फसल में अधिक मात्रा में यूरिया देने से बचना चाहिए।
3. यूरिया की जगह अमोनियम सल्फेट का प्रयोग किया जा सकता है। यह मिट्टी से नमी को अवशोषित करने में मदद करेगा, और मिट्टी से अधिक पोषक तत्वों को लेने में मदद करेगा।
4. अल्फा नेफथिल एसिटिक एसिड 4.5% SL @ 4.5 मिली / 15 लीटर पानी का छिड़काव करें।
5. बोरान 20% @ 15 ग्राम/15 लीटर पानी का छिड़काव करें।

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