• होम
  • देश में सवा तीन लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार, जैविक खे...

विज्ञापन

देश में सवा तीन लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार, जैविक खेती को बढ़ावा देने की पहल

जैविक खेती पर बड़ा फोकस
जैविक खेती पर बड़ा फोकस

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में उद्योग और निवेश संवर्धन के प्रयासों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। 2024 में प्रदेश के विभिन्न संभागों में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और देश के विभिन्न नगरों में हुए इंटरैक्टिव सेशन्स के परिणामस्वरूप उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना है। प्रदेश में लगभग 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ रहा है। 2025 को प्रदेश में 'उद्योग वर्ष' के रूप में मनाया जाएगा। 

ये भी पढें... मध्य प्रदेश सरकार किसानों को दे रही है बिजली, पानी और खाद की भरपूर सुविधा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छ, समृद्ध और स्वर्णिम भारत निर्माण के लिए किसान आध्यात्मिक सम्मेलन भारतीय कृषि दर्शन और सम्पूर्ण ग्राम विकास कार्यक्रम में भाग लिया। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि जब वे 10 वर्ष के थे, तब गोटेगांव तहसील में सोयाबीन की खेती की शुरुआत हुई थी। उन्होंने ने बताया कि हमें रासायनिक खादों का उपयोग कम करना चाहिए और जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि यही वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने गौ रक्षा और पालन में अनुशासन की भी बात की।

सिंचाई से अधिक महत्वपूर्ण है सही फसल का चयन Choosing the right crop is more important than irrigation:

उन्होंने यह भी बताया कि सिंचाई की सुविधा होना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि कौन सी फसल उगाई जाए। हमने गन्ना, धान और गेहूं जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलों पर ज्यादा ध्यान दिया है। हमें यह सोचना चाहिए कि हम अगली पीढ़ी के लिए क्या छोड़कर जाएंगे। फसलों के अधिक उत्पादन के लालच ने हमें कई गलतियाँ करने पर मजबूर किया है।

पानी की बचत के लिए मोटे अनाजों को प्राथमिकता Preference for coarse grains to save water:

मंत्री जी ने खेती में फसलों में अधिक पानी के इस्तेमाल के कारण जलस्तर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आज मोटे अनाज को आदर्श भोजन के रूप में विश्वभर में स्वीकार किया जा रहा है। ज्वार, बाजरा, कुटकी, रागी और कोदो जैसे मोटे अनाजों को कम पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए हमें इन फसलों की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक खेती से उत्पादित अनाज के प्रमाणीकरण की चुनौती का उल्लेख किया और इसके मूल्यांकन के लिए प्रत्येक जिले में लैब की आवश्यकता की बात की।

मंत्री ने प्राकृतिक खेती के किसानों को किया सम्मानित: मंत्री ने प्राकृतिक खेती करने वाले जिले के किसानों को शाल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अतिथियों ने नशा मुक्त प्रचार वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन 15 दिन तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराएगा।

ये भी पढें... इंदौर कृषि उपज मंडी में आने वाले किसानों को उपज का उचित दाम दिलाने के लिये दिए गये निर्देश

 

विज्ञापन

लेटेस्ट

विज्ञापन

khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें