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दलहनी-तिलहनी फसलों में कीटों के रोकथाम के लिए अपनाएं 5 बेहतरीन जैविक उपाय

कीटों से बचाएं अपनी दलहनी और तिलहनी फसलों को
कीटों से बचाएं अपनी दलहनी और तिलहनी फसलों को

वर्तमान में दलहनी, तिलहनी और सब्जी फसलों में रस चूसक कीट, माहू, मच्छर, लीफ माइनर और छोटी-बड़ी इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा है। इनकी रोकथाम के लिए जैविक उपाय अपनाना जरूरी है। कृषि वैज्ञानिकों ने निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:

1. नीम की हरी पत्तियों से कीटों का नियंत्रण:

रस चूसक कीट, लीफ माइनर और छोटी इल्लियों के नियंत्रण के लिये 5 किग्रा नीम की हरी पत्तियां या सूखी निंबोली, 5 लीटर गौमूत्र और 1 किग्रा देशी गाय का गोबर मिलायें।

छिड़काव करने की विधि

  • नीम की पत्तियों को पीसकर 100 लीटर पानी में मिलाएं।
  • इसमें गौमूत्र और गोबर डालें और लकड़ी से घोलें।
  • इस मिश्रण को 48 घंटे तक ढककर रखें। दिन में 2-3 बार इसे चलाएं।
  • 48 घंटे बाद छानकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

2. बड़ी इल्लियों और सुंडियों के रोकथाम के उपाय:

10 लीटर गौमूत्र, 3 किग्रा नीम की पत्तियां, 2 किग्रा करंज, सीताफल और सफेद धतूरे की पत्तियां शामिल करें।

छिड़काव करने की विधि

  • सभी पत्तियों को पीसकर गौमूत्र में डालें।
  • इस मिश्रण को उबालें और 3-4 उबाल आने के बाद ठंडा करें।
  • इसे 48 घंटे तक रखें और फिर छान लें।
  • 2-2.5 लीटर इस घोल को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

3. तनों और डंठलों में रहने वाले कीटों व इल्लियों पर नियंत्रण हेतु:

10 लीटर गौमूत्र, 500 ग्राम हरी मिर्च और लहसुन, 5 किग्रा नीम की पत्तियां आदि।

छिड़काव करने की विधि

  • सभी सामग्री को पीसकर गौमूत्र में डालें और उबालें।
  • 4-5 उबाल आने के बाद मिश्रण को 48 घंटे तक ठंडा होने दें।
  • छानकर 2-2.5 लीटर घोल को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

4. फसलों को मजबूत और कीट प्रतिरोधी बनाने हेतु:

गाय का गोबर, घी, गुड़, दूध और दही

छिड़काव करने की विधि

  • गोबर, घी और गुड़ को घोलकर अन्य सामग्री मिलाएं।
  • इसे 7-10 दिन तक किण्वित करें।
  • 3 लीटर पंचगव्य को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

5. बड़ी इल्लियों और सुंडियों के नियंत्रण हेतु:

गोबर और गौमूत्र, हल्दी, अदरक, सोंठ, तंबाकू और तीखी मिर्च का पाउडर

छिड़काव करने की विधि

  • सभी सामग्री को मिलाकर 24 घंटे छाया में रखें।
  • मिश्रण को बोरी से ढककर 30-40 दिन तक किण्वित करें।
  • 6-8 लीटर अर्क को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

सावधानी: जैविक घोल को हमेशा ताजा तैयार करें और छिड़काव सुबह या शाम के समय ही करें। अन्य कीटनाशकों के साथ इनका प्रयोग न करें।

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