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Protected farming scheme: संरक्षित खेती योजना, किसानों को मिलेगा 50 से 75 प्रतिशत अनुदान, जल्दी यहां से करें आवेदन

संरक्षित खेती योजना
संरक्षित खेती योजना

संरक्षित खेती योजना (राज्य योजना) 2024-25 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह योजना किसानों के लिए कई लाभकारी घटक प्रस्तुत करती है, जो उन्हें आधुनिक खेती तकनीकों से जोड़ती है। योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नए और टिकाऊ तरीकों को अपनाना है जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि हो आइए, इस योजना की मुख्य विशेषताओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण (FLD):

राज्य के 15 जिलों में अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण (FLD) घटक लागू किया जाएगा। जिन जिलों में इसे लागू किया जाएगा, उनमें अवरल, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, नवादा, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान और सुपौल शामिल हैं। इस घटक के तहत, 2000 वर्ग मीटर में इकाई लागत पर 75 प्रतिशत अनुदान रैयत किसानों को प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती तकनीकों से परिचित कराना और उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।

मलचिंग, लागत में कमी और लाभ में वृद्धि:

मलचिंग तकनीक के माध्यम से किसानों को उनकी उत्पादन लागत में कमी और मुनाफे में वृद्धि करने का अवसर मिलेगा। इस घटक को राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। योजना के अंतर्गत, मलचिंग के लिए प्रति हेक्टेयर 32,000 रुपये की लागत पर 50 प्रतिशत यानी 16,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता अनुदान दिया जाएगा। मलचिंग तकनीक न केवल जल संरक्षण में मददगार है, बल्कि यह मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार करती है।

शेडनेट, उच्च गुणवत्ता वाली खेती:

शेडनेट खेती के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म की सब्जियों और फूलों की खेती का अवसर मिलेगा। यह घटक भी राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। शेडनेट की इकाई लागत 710 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है, जिसमें 50 प्रतिशत यानी 355 रुपये प्रति वर्ग मीटर अनुदान किसानों को दिया जाएगा। शेडनेट खेती का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत तकनीक के जरिए अधिक मुनाफा कमाने में सहायता प्रदान करना है।

शेडनेट में उच्च मूल्यवर्द्धित सब्जी की खेती:

शेडनेट के अंतर्गत सब्जी की खेती करने पर किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत 140 रुपये प्रति वर्ग मीटर की इकाई लागत पर 50 प्रतिशत यानी 70 रुपये प्रति वर्ग मीटर का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना किसानों को अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाने में मदद करेगी।

पॉलीहाउस: उच्च तकनीक वाली खेती का नया दौर: पॉलीहाउस के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य के 7 जिलों जैसे गया, जहानाबाद, खगड़िया, लखीसराय, पटना, पूर्णियाँ और समस्तीपुर में पॉलीहाउस घटक लागू किया जाएगा। पॉलीहाउस के अंतर्गत 935 रुपये प्रति वर्ग मीटर की लागत पर 50 प्रतिशत यानी 467.50 रुपये प्रति वर्ग मीटर अनुदान किसानों को मिलेगा। इस तकनीक से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगाने का अवसर मिलेगा।

गुलाब की खेती: पॉलीहाउस और शेडनेट में विशेष लाभ: गुलाब की खेती के लिए पॉलीहाउस और शेडनेट का उपयोग करने पर किसानों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। यह घटक राज्य के 11 जिलों जैसे गया, जहानाबाद, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा, खगड़िया, वैशाली, लखीसराय, पटना, पूर्णियाँ और समस्तीपुर में लागू किया जाएगा। गुलाब की खेती के लिए 426 रुपये प्रति वर्ग मीटर की इकाई लागत पर 50 प्रतिशत यानी 213 रुपये प्रति वर्ग मीटर अनुदान दिया जाएगा। गुलाब की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प साबित हो सकती है, क्योंकि इससे उन्हें बेहतर मुनाफा मिल सकता है।

आवेदन करने की सरल प्रक्रिया:

  1. संरक्षित खेती से सम्बंधित योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाना होगा। 
  2. वहाँ आपको "Schemes" ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। 
  3. अब आपके सामने कृषि विभाग द्वारा चलाई जारी कई योजनाओं की सूची दिखाई देगी, आपको इस सूची में से " संरक्षित खेती से सम्बंधित योजना " के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  4. उसके बाद एक नया पेज ओपन होगा "संरक्षित खेती योजना (राज्य योजना) " आवेदन करें उस पर आपको क्लिक कर देना है। 
  5. आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमें की आपको डीबीटी पंजीकरण संख्या डालना होगा।
  6. इसके बाद, आवेदन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक जानकारी को ध्यानपूर्वक दर्ज करें।
  7. आवेदन फॉर्म भरने के बाद, आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
  8. आवेदन फॉर्म और दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक जाँच करने के बाद, "सबमिट" बटन पर क्लिक करें।

निष्कर्ष: संरक्षित खेती योजना 2024-25 किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न केवल उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ती है, बल्कि उनकी आय में भी सुधार करती है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपनी खेती को उन्नत कर सकते हैं। 

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