केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ‘वाटरशेड यात्रा’ नामक राष्ट्रीय स्तर के जनजागरण अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) के अंतर्गत जलग्रहण विकास कार्यों के प्रति जनभागीदारी को बढ़ावा देना और जागरूकता उत्पन्न करना है। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया, जिसमें केंद्र और राज्यों के मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस ऐतिहासिक लॉन्च के दौरान, लगभग 800 ग्राम पंचायतों और एक लाख से अधिक लोगों ने इस यात्रा में भाग लिया। विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा इस यात्रा का एक साथ शुभारंभ किया गया।
श्री चौहान ने अपने संबोधन में मिट्टी और जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने समुदाय आधारित दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर दिया और डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में जनभागीदारी को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ‘वाटरशेड यात्रा’ से जल संसाधनों के सतत प्रबंधन, कृषि उत्पादकता, आजीविका संवर्धन और पर्यावरण सुधार में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इस दौरान भूमि पूजन, लोकार्पण, वाटरशेड महोत्सव, वाटरशेड पंचायत, मार्गदर्शकों का सम्मान, श्रमदान एवं भूमि-जल पिच जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे जल संसाधन प्रबंधन के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।
इस अवसर पर श्री चौहान ने ‘वाटरशेड - जनभागीदारी प्रतियोगिता’ की भी घोषणा की, जिसे डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 के तहत वर्ष 2025 और 2026 में आयोजित किया जाएगा। यह प्रतियोगिता जनता-निजी-सार्वजनिक भागीदारी (4P मॉडल) के आधार पर संचालित होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में सरकारी वित्त पोषण और जनभागीदारी से किए गए कार्यों का राज्य स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले हर प्रोजेक्ट को 20 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए 70.80 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे हर वर्ष 177 परियोजनाओं को लाभ मिलेगा। प्रतियोगिता का मूल्यांकन हर साल अप्रैल में किया जाएगा।
यह यात्रा 60 से 90 दिनों तक चलेगी और 26 राज्यों व 2 केंद्रशासित प्रदेशों के 805 परियोजना क्षेत्रों (13,587 गाँवों के 6,673 ग्राम पंचायतों) को कवर करेगी।
वाटरशेड की पंचायत के तहत जल एवं मृदा प्रबंधन पर विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे।
विभिन्न परियोजना क्षेत्रों में योगदान देने वाले 8,000 से अधिक व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
यूथ एनगेजमेंट: ‘माई भारत’ पोर्टल से जुड़ाव: इस यात्रा को अधिक प्रभावी बनाने के लिए ‘माई भारत’ पोर्टल पर एक मेगा इवेंट लॉन्च किया गया है, जिससे युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा। यह पोर्टल श्रमदान गतिविधियों में युवाओं को प्रेरित करने, सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने और जलग्रहण परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेगा। इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ‘लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम’ (LMS) विकसित किया है, जिसे ‘माई भारत’ पोर्टल से जोड़ा गया है। इस पर भाग लेने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे जल संरक्षण अभियानों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित होंगे।