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2024-25 के लिए राज्य में रबी फसल का लक्ष्य 14 लाख हेक्टेयर निर्धारित

रबी फसलों की खेती
रबी फसलों की खेती

इस वर्ष रबी सीजन 2024-25 में राज्य ने 14 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती करने का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष, रबी फसलें 14.2 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी। किन्तु अक्टूबर का आधा महीना बीतने के बावजूद खरीफ फसलों की कटाई अभी पूरी नहीं हुई है, जिसके कारण रबी फसलों की बुवाई में देरी हो रही है।

रबी फसलों के लिए 14 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य

कृषि विभाग ने बताया है कि रबी फसलों के लिए सबसे अधिक बोई जाने वाली फसलें जबलपुर संभाग में निर्धारित की गई हैं, जबकि शहडोल संभाग में सबसे कम बोई जाने का लक्ष्य है। विभाग के अनुसार, इस वर्ष के रबी मौसम के लिए 14 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। इनमें, प्रमुख फसल गेहूं 91.85 लाख हेक्टेयर में बोई जाने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष 97.70 लाख हेक्टेयर थी।
इसके अतिरिक्त, दालों में चने की बुवाई 20.51 लाख हेक्टेयर, मसूर की 7.92 लाख हेक्टेयर, और मटर की 2.66 लाख हेक्टेयर में की जाएगी। तिलहनी फसलों में सरसों की बुवाई 14.60 लाख हेक्टेयर में, अलसी की बुवाई 1.07 लाख हेक्टेयर में बोई जाएगी। इस वर्ष सरसों की खेती का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 55,000 हेक्टेयर बढ़ा है। अनाज की फसलों में जौ की बुवाई इस वर्ष 36,000 हेक्टेयर में होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की 49,000 हेक्टेयर की तुलना में कम है।

रबी 2024-25 के लिए जबलपुर में सबसे अधिक बुवाई का लक्ष्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से डीएपी का आवंटन 6 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 8 लाख मीट्रिक टन किया गया है। अन्य उर्वरकों के तहत, इस मौसम के लिए यूरिया की लगभग 24 लाख मीट्रिक टन, एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश) की 6 लाख मीट्रिक टन, एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) की 6.50 लाख मीट्रिक टन, और एमओपी (पोटाश) की 1 लाख मीट्रिक टन मांग की गई है। पिछले रबी सीजन में 35 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का विक्रय हुआ था। संभागीय स्तर पर बुवाई का लक्ष्य देखा जाए तो, जबलपुर संभाग में सबसे अधिक लगभग 20.49 लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।
 

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