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रबी विपणन वर्ष 2025-26: समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की नई नीति और प्रक्रिया जारी

उपार्जन प्रक्रिया एवं समय सारणी
उपार्जन प्रक्रिया एवं समय सारणी

राज्य शासन के निर्देशानुसार रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की नीति जारी कर दी गई है। इसके तहत 15 मार्च 2025 से 05 मई 2025 तक गेहूं का उपार्जन किया जाएगा। पहले यह अवधि 01 मार्च से 18 अप्रैल तक निर्धारित थी, लेकिन अब शासन द्वारा संशोधन करते हुए नई तिथियां घोषित की गई हैं। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने संबंधित अधिकारियों को उपार्जन नीति के अनुसार सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

जिले में उपार्जन संस्थाओं की नियुक्ति:

कलेक्टर श्री बालागुरू के. के आदेशानुसार जिले में एमपीडब्ल्यूएलसी (MPWLC) स्वनिर्मित गोदामों को जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा एवं निर्णय के आधार पर विभिन्न तहसीलों में सेवा सहकारी विपणन समितियों को गेहूं उपार्जन कार्य के लिए किया गया है।  

तहसीलवार नामित उपार्जन संस्थाएं निम्नलिखित:

  1. आष्टा तहसील – आष्टा स्थित सहकारी विपणन संस्था मर्यादित
  2. भैरूंदा तहसील – भैरूंदा स्थित सेवा सहकारी समिति, राला
  3. रेहटी तहसील – बोरी स्थित सेवा सहकारी समिति
  4. सीहोर तहसील – सीहोर स्थित सेवा सहकारी समिति, बिजोरी
  5. सीहोर नगर – तकीपुर स्थित सहकारी विपणन संस्था

उपार्जन प्रक्रिया एवं समय सारणी:

गेहूं उपार्जन का कार्य सप्ताह में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) संचालित होगा। किसानों से सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक गेहूं की खरीदी होगी। तौल पर्ची शाम 6:00 बजे तक जारी की जाएगी। केवल एफएक्यू (FAQ) गुणवत्ता मानकों के अनुरूप गेहूं की खरीदी की जाएगी। किसानों को उपार्जन केंद्र पर निर्धारित मानकों के अनुसार गेहूं लेकर आना होगा। 

स्लॉट बुकिंग एवं ऑनलाइन बिलिंग: किसान अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग करें। बुकिंग तिथि से 7 दिनों के भीतर फसल का विक्रय कर ऑनलाइन (पक्का) बिल बनवाना अनिवार्य होगा। निर्धारित समय के बाद पोर्टल पर बिल नहीं बनेगा। केवल ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग करने वाले किसानों से ही फसल की खरीदी की जाएगी।

तौल एवं रिकॉर्ड प्रबंधन: प्रत्येक बोरी में 50 किलो गेहूं + 580 ग्राम (नवीन जूट बारदाना) वजन निर्धारित रहेगा। ई-उपार्जन पोर्टल पर सभी रिकॉर्ड दर्ज किए जाएंगे। उपार्जन प्रभारी और किसान दोनों के आधार ई-केवाईसी (e-KYC) सत्यापन के बाद ही भुगतान प्रक्रिया पूरी होगी।

भुगतान प्रक्रिया

  1. किसान द्वारा बेची गई फसल का भुगतान सीधे आधार से लिंक बैंक खाते में किया जाएगा।
  2. किसान अपने आधार नंबर को बैंक खाते और मोबाइल नंबर से लिंक कर अपडेट रखें ताकि भुगतान में कोई बाधा न आए।
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