भीषण गर्मी से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ली है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के असर से राज्य के कई हिस्सों में मौसम पूरी तरह बदल गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 24 से 36 घंटों के लिए बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। साथ ही तापमान में गिरावट और वज्रपात की भी आशंका जताई गई है।
गुरुवार (10 अप्रैल) को लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी सहित कई जिलों में अचानक काले बादल छा गए। लखनऊ में दोपहर के समय तेज बारिश शुरू हो गई, वहीं कानपुर और प्रयागराज में भी झमाझम बारिश हुई। वाराणसी में भी धूलभरी आंधी के साथ बारिश हुई और कुछ इलाकों में ओले गिरने की भी खबरें आईं। इसके अलावा अयोध्या और सुल्तानपुर में भी मौसम ने रुख बदला और बारिश ने दस्तक दी। गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन किसानों की चिंता भी बढ़ गई।
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहा है। यह असर अगले 24 से 36 घंटे तक बना रहेगा। इस दौरान वज्रपात और तेज हवाएं चलने की भी संभावना है।
मौसम के इस बदलाव की वजह से राज्य के कई जिलों में अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखने को मिलेगी। न्यूनतम तापमान में भी कमी आएगी, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ हद तक राहत मिलेगी।
मौसम विभाग ने बताया कि 10 और 11 अप्रैल को निम्न जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है आजमगढ़, सहारनपुर, शामली, मेरठ, बागपत, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं, बरेली, रामपुर, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, शामली, मेरठ, बागपत, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं, बरेली, रामपुर, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर, लखनऊ में आज का मौसम, रायबरेली, प्रतापगढ़, गोंडा, अयोध्या, प्रयागराज, श्रावस्ती, बहराइच, अंबेडकर नगर, सिद्धार्थनगर , जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, देवरिया, गोरखपुर ,महराजगंज, कुशीनगर, बलरामपुर और वाराणसी।
इन जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे सतर्कता जरूरी है।
बारिश से राहत के साथ-साथ फसल को नुकसान: जहां एक ओर बारिश ने प्रदेशवासियों को भीषण गर्मी से राहत दी है, वहीं किसानों के लिए यह बारिश चिंता का कारण बन गई है। कई इलाकों में गेहूं की फसल या तो खड़ी थी या कटने के बाद खेतों में पड़ी थी, जो बारिश से भीग गई है। धूलभरी आंधी और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है। इससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है और किसानों को आर्थिक क्षति झेलनी पड़ सकती है।