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महिला बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति योजना के तहत हब फॉर एम्पॉवरमेंट ऑफ वूमन संचालित किए जा रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विकास के लिए संस्थागत व्यवस्थाओं से जोड़ना है। इस योजना के तहत महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी मदद मिलेगी और कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षा भी प्रदान करती है। साथ ही महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा, करियर और व्यावसायिक परामर्श और प्रशिक्षण से जोड़ा जाता है। महिलाओं को वित्तीय समावेश और उद्यमिता के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
महिला बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति के तहत राज्य स्तर पर "हब फॉर एम्पॉवरमेंट ऑफ़ वूमन" की स्थापना की गई है इसमें एक राज्य मिशन समन्वयक, दो जेंडर विशेषज्ञ, दो अनुसंधान एवं प्रशिक्षण विशेषज्ञ, एक लेखा सहायक, एक कार्यालय सहायक और एक मल्टी टास्किंग स्टाफ़ के पदों का सृजन किया गया है। प्रदेश के 52 ज़िलों में जिला स्तरीय हब फॉर एम्पॉवरमेंट ऑफ़ वूमन की स्थापना की गई है। कुल 8 पद प्रति जिला स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त मिशन शक्ति के तहत जिलाधिकारियों, एचईडब्ल्यू कर्मचारियों को प्रशिक्षण, महिला केंद्रित योजनाओं को लागू करने वाले विभागों के साथ समन्वय कर राज्य और जिला स्तर पर जागरूकता शिविर और नामांकन अभियोजन आयोजित कराने का कार्य करेगी।
जिला स्तरीय हब फॉर एम्पॉवरमेंट ऑफ़ वूमन महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान हेतु सिंगल विंडो सोल्यूशन के रूप में कार्य करेगा। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य, शिक्षा, माइक्रोफाइनेंस, आजीविका आदि की पहचान एवं दस्तावेजीकरण कर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। डीएचईडब्ल्यू द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में जागरूकता पैदा करना है। विभिन्न विभागों द्वारा महिला केंद्रित योजनाओं तक पहुँच के लिये एकीकृत शिविर का आयोजन किया जायेगा।
वर्तमान में जिला परियोजना एवं ग्राम स्तर पर 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान "संकल्प" का आयोजन 4 अक्टूबर 2024 तक किया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक प्रदेश के 52 ज़िलों में लगभग 1,18,594 इवेंट्स का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इनमें 7 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 6,97,955 युवा, 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के 7,58,000 वयस्क, और 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 2,51,041 वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
अभियान में अब तक ढाई लाख से अधिक शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, 10,000 से अधिक जन-प्रतिनिधि, और लगभग 52,000 पंचायत एवं स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से सहभागिता की है। इस 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान का उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को विभिन्न मुद्दों के प्रति जागरूक करना और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।