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कृषि मंत्रालय ने हाल ही में नई दिल्ली में एक विशेष क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें उत्तरी राज्यों में किसानों की मदद के लिए चल रही सरकारी योजनाओं का मूल्यांकन किया गया। इसमें पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का मकसद योजनाओं की वास्तविक प्रगति का आकलन और उन्हें और बेहतर बनाना था ताकि किसानों को लाभ तेजी से मिले।
कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने सभी राज्यों को सलाह दी कि वे केंद्र सरकार की योजनाओं को समय पर लागू करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकारें अपने हिस्से का फंड समय पर जारी करें और यह सुनिश्चित करें कि सिंगल नोडल अकाउंट का सही प्रबंधन हो। डॉ. चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि राज्यों को उपलब्ध फंड का पूरी तरह से उपयोग करना चाहिए ताकि योजना का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे।
सम्मेलन में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) और कृषोन्नति योजना पर विशेष चर्चा हुई। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारना और कृषि में आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देना है। डॉ. चतुर्वेदी ने सुझाव दिया कि राज्य अपनी वार्षिक कार्य योजना दिसंबर तक तैयार कर लें ताकि अगले वित्तीय वर्ष की पहली किस्त समय पर जारी हो सके।
किसानों को सस्ता और आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) मिशन और फसल बीमा योजना (PMFBY) जैसी योजनाओं पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा, डिजिटल कृषि मिशन की समीक्षा करते हुए राज्यों को अपनी फसल सर्वेक्षण प्रणाली को डिजिटल बनाने की सलाह दी गई ताकि किसान आसानी से डेटा आधारित सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन और कृषि अवसंरचना कोष (AIF) पर चर्चा: सम्मेलन में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, कीटनाशक अधिनियम के तहत प्रयोगशालाओं की मान्यता और कृषि निवेश पोर्टल के उपयोग पर भी विचार-विमर्श हुआ। इससे किसानों को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा और वे नई तकनीकों से अपने कृषि कार्य को और भी उन्नत बना सकेंगे।
कृषि क्षेत्र में सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता: इस सम्मेलन ने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों की मदद के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सम्मेलन के अंत में एक ओपन हाउस सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें हितधारकों को योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा करने का अवसर मिला।
कृषि क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में कदम: सरकार का यह प्रयास पूरे देश में कृषि विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है। इस तरह के सम्मेलन क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को सटीक रूप से लागू करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
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