मध्यप्रदेश सरकार के नेतृत्व में औद्योगिक विकास की दिशा में प्रदेश के छह शहरों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) का आयोजन किया गया, जिसमें 259 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया गया। इन कॉन्क्लेव्स के माध्यम से 18,197 करोड़ रुपये का निवेश स्वीकृत किया गया है, जिससे 32,905 नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश के हर क्षेत्र में समान औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक नवाचार है। इन आयोजनों ने औद्योगिक निवेश के माध्यम से न केवल आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को विकास यात्रा में भागीदार बनने का अवसर दिया है। मध्यप्रदेश का हर शहर और गांव अब विकास यात्रा का मूक दर्शक नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदार बनेगा। इससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में प्रदेश की अहम भूमिका सुनिश्चित होगी।
इस वर्ष उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर और नर्मदापुरम में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इन आयोजनों से बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिला। इससे क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने और विकास के विकेंद्रीकरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक इकाइयों से स्थानीय स्तर पर रोजगार, बुनियादी ढांचे और जीवन स्तर में सुधार होगा। MSME, कृषि प्रसंस्करण, कपड़ा, खाद्य उद्योग, और नवकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश से स्थानीय कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाया जाएगा।
आरआईसी के निवेश और रोजगार:
औद्योगिक विकास से व्यापक लाभ: आरआईसी के निवेश से प्रदेश में बिजली, पानी, सड़क और लॉजिस्टिक नेटवर्क जैसे बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास होगा। यह औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि के साथ स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों के लिए भी फायदेमंद होगा। यह पहल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और उसे आर्थिक प्रगति के नए आयाम पर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगी।
ये भी पढ़ें...
महाकुंभ प्रयागराज में ठहरने की व्यवस्था और सुविधाओं की पूरी जानकारी