कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में उन्नत किस्मों, बीजोपचार एवं आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
उन्नत किस्में: आईपीएम-205-7 (विराट), आईपीएम-410-3 (शिखा), एमएच-421, पीडीएम-139, आईपीएम-302-2 (कनिका), केएम-2342 (आजाद मूंग-1) बीज दर 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर और बुवाई का उपयुक्त समय 31 मार्च तक है।
पीला मोजेक रोग नियंत्रण: बुवाई से पहले थायोमिथोक्साम 30 एफएस (10 मिली प्रति किग्रा बीज) या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस (1.25 मिली प्रति किग्रा बीज) से उपचार करें। रोगग्रस्त पौधों को तुरंत उखाड़कर नष्ट करें। मूंग की फसल के आसपास भिंडी, बैंगन और टमाटर की खेती न करें। सिंथेटिक पाइरथ्रॉइड्स कीटनाशकों का उपयोग न करें। प्रारंभिक अवस्था में थायोमिथोक्साम 25 डब्ल्यूजी या एसिटामिप्रिड 20 एसपी (60 ग्राम प्रति एकड़) का छिड़काव करें।
खाद एवं उर्वरक प्रबंधन: मूंग की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 20 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फॉस्फोरस एवं 20 किग्रा पोटाश की आवश्यकता होती है। इसके अलावा डीएपी 108 किग्रा, एमओपी 33 किग्रा, एनपीके 12:32:16 – 156 किग्रा या एनपीके (20:20:0:13) – 250 किग्रा और एमओपी – 34 किग्रा प्रति हेक्टेयर का उपयोग करें।
रसचूसक कीट नियंत्रण: फिप्रोनिल एससी (150 मिली प्रति हेक्टेयर) या फिप्रोनिल 40% डब्ल्यूजी + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी (150 ग्राम प्रति हेक्टेयर) या एसिटामिप्रिड 20 एसपी (125 ग्राम प्रति हेक्टेयर) छिडकाव करें।
इल्ली नियंत्रण: नोवाल्यूरॉन 5.25% एससी + इंडोक्साकार्ब 5.50% एससी (850 मिली प्रति हेक्टेयर) या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% + लूफीन्यूरॉन 40% (75 ग्राम प्रति हेक्टेयर) या ब्रोफ्लानिलाइड 300% एससी (42-62 ग्राम प्रति हेक्टेयर) छिडकाव करें।
टमाटर, मिर्च, लहसुन एवं प्याज में कीट रोग नियंत्रण:
मिर्च में डैम्पिंग रोग नियंत्रण: कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी (2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें)।