मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 28 मार्च को मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संबल योजना के तहत अनुग्रह सहायता राशि के 23,162 प्रकरणों में 505 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक से लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित करेंगे। इस कार्यक्रम में श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अन्य मंत्रीगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत निम्नलिखित आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को भी मिलेगा लाभ: नीति आयोग की पहल पर प्रदेश के गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को भी संबल योजना में शामिल किया गया है। इनके पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और इन्हें भी योजना के समस्त लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।
संबल योजना के तहत लाभार्थियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी प्रदान की जाती है, जिससे वे केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा रियायती दरों पर राशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, सभी संबल हितग्राही आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत पात्र हैं, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये तक की वार्षिक निःशुल्क चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
संबल योजना: अब तक की उपलब्धियां: राज्य सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2018 से संबल योजना को लागू किया गया था। अब तक 1 करोड़ 74 लाख श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। 6.58 लाख से अधिक प्रकरणों में 5,927 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि वितरित की गई है। श्रमिकों के पंजीयन की प्रक्रिया लगातार जारी है।
श्रमिकों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच: संबल योजना, जन्म से मृत्यु तक श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है और वास्तव में उनके जीवन का संबल बन चुकी है। यह योजना प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है।