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धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में भोलेनाथ के निमित्त पूजा पाठ, व्रत और उनके मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सावन का महीना साल 2024 में 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। वहीं सावन के महीने में बहुत से तीज त्योहार भी आ रहे हैं। सावन का महीना संपूर्ण भारतवर्ष के लोगों के जीवन में हरियाली लेकर आता है। मानसून शुरू होते ही किसान भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए हर समय कड़ी मेहनत करते हैं साथ ही अच्छी फसल के लिये किसान उत्साह की कामना करते है। श्रावण का त्यौहार किसानों के तन और मन में खुशहाली लाती हैं।
सावन का त्यौहार हरियाली का प्रतीक माना जाता है। प्रदेश के लोगों द्वारा यह त्यौहार बहुत खास और धूम धाम से मनाया जाता है। किसानों के लिये सावन का पर्व खेती किसानी के लिये बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि मानसून की शुरूआत भी सावन माह से ही शुरू होती है। सावन के पहले दिन से ही मन्दिरों में भक्तों की भीड़ जमा होने लगती है। शाम को विविध मंदिरों में शिवलिंग का अलग-अलग रूप में श्रृंगार किया जाता है। छत्तीसगढ़ में मेहनत से उपजी हरियाली को हरेली के रूप में मनाने का संस्कार वर्षों से चला आ रहा है। कृषि युग से हरियाली ने हमारे शरीर और दिमाग को ढक लिया है। यह त्यौहार हमारे किसान भाईयों के लिये बहुत ही शुभ है।
हरेली पर्व किसानों के जीवन में लाता है उत्साह: किसान हरेली पर्व पर कुल देवता और कृषि यंत्रों की पूजा करने के बाद ही अच्छी फसल की कामना करते हैं। हरेली त्यौहार जुलाई माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या को आता है। यह त्यौहार तब मनाया जाता है जब बारिश होने के बाद खेतों में फसलें हरी हो जाती हैं। इस पर्व में किसान छोटे से लेकर बड़े औजारों तक जैसे गैंती, कुदाली, फावड़ा तथा खेती में काम आने वाले यंत्रों आदि की साफ-सफाई करते हैं। किसान फसल लगाने के बाद इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। किसान फसल लगाने के बाद इस त्यौहार को मनाते हैं। इस उत्सव पर बच्चों के लिये गांवों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।