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शिवराज सरकार की योजनाओं ने बदली मध्य प्रदेश की महिलाओं की जिंदगी, जानिए कैसे

महिला सशक्तिकरण की कहानी
महिला सशक्तिकरण की कहानी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन कर उन्हें आत्म-निर्भर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी वर्ग के परिवारों को पक्की छत, घर-घर शौचालय और नल-जल योजना के माध्यम से घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य किया गया है, साथ ही उज्ज्वला योजना के तहत रसोई को धुआं मुक्त बनाने का संकल्प भी लिया गया है। इन सभी योजनाओं का प्रदेश में बेहतर संचालन एवं क्रियान्वयन हुआ है। इसके अलावा, महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान कर उन्हें स्व-रोजगार से जोड़ा गया है, जिससे उन्हें लखपति दीदी बनने का अवसर मिला है। 

महिला सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक बजट आवंटन:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के हर संकल्प को पूरा करने के लिए शिद्दत से कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 26 हजार 560 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसमें लाड़ली बहना योजना के लिए 18 हजार 984 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। 

सरकार द्वारा महिलाओं के हित में लिए गए बड़े फैसले:

  1. राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के नाम पर जमीन, दुकान और घर की रजिस्ट्री कराने पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई है। 
  2. सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना के तहत 19 लाख से अधिक बालिकाओं के बैंक खाते में 57 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि हस्तांतरित किया गया है।
  3. मध्यप्रदेश में महिलाओं को निकाय चुनाव और शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत, पुलिस भर्ती में 33 प्रतिशत और अन्य भर्तियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
  4. महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी गई है।
  5. बेटियों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना का सफल क्रियान्वयन जारी है, जिसमें 48 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मियाँ लाभान्वित हो रही हैं। 
  6. प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना के तहत 42 लाख महिला हितग्राही पंजीकृत हो चुकी हैं। 
  7. हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए महिला हेल्पलाइन 181 और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 संचालित की गई है।
  8. संकटग्रस्त महिलाओं की सहायता के लिए प्रत्येक जिले में वन-स्टॉप सेंटर संचालित हैं।
  9. बालिकाओं के कौशल वृद्धि के लिए सशक्त वाहिनी कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 128 बालिकाओं का पुलिस और शासकीय विभागों में चयन हो चुका है।
  10. प्रदेश में 97 हजार से अधिक संचालित आंगनवाड़ियों में 81 लाख बच्चे, गर्भवती/धात्री माताएँ और किशोरी बालिकाएँ लाभान्वित हो रही हैं।

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