किसानों की खेती को वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से अधिक उन्नत बनाने के लिए कृषि विभाग नई पहल कर रहा है। अब मोबाइल ऐप के माध्यम से मिट्टी की जांच कराकर किसानों को निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसान अपनी भूमि की उर्वरता की सही जानकारी प्राप्त कर बेहतर खेती कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PMRKVY) के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए "नेशनल प्रोजेक्ट ऑन सॉइल हेल्थ एंड फर्टिलिटी" (मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम) के तहत लखनऊ मंडल की चयनित ग्राम पंचायतों में खरीफ 2025 के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। कृषि निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा यह अभियान प्रदेश के सभी जनपदों के चयनित 16,520 ग्राम पंचायतों में 21, 25, 29 अप्रैल और 5 मई 2025 को संचालित किया जाएगा। इसमें 70% चयनित ग्राम पंचायतों से प्रति पंचायत 100 मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनका विश्लेषण किया जाएगा और किसानों को निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जाएंगे।
सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण) डॉ. मनमोहन लाल के अनुसार, मृदा परीक्षण का मुख्य उद्देश्य भूमि में मौजूद पोषक तत्वों की स्थिति का मूल्यांकन करना है। इससे किसान यह जान पाते हैं कि उनकी मिट्टी में किस तत्व की कमी है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है। यह प्रक्रिया किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है।
डॉ. लाल ने मंडल के चयनित ग्राम पंचायतों के किसानों से अपील की है कि वे इस अभियान में कृषि विभाग के कर्मियों और कृषि सखियों के साथ सहयोग करें और मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने खेत की मिट्टी का नमूना एकत्रित कराएं। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसान अपनी भूमि की उर्वराशक्ति की सही जानकारी प्राप्त कर उचित उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।
भूमि की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक: उप निदेशक कृषि डॉ. मनमोहन लाल ने बताया कि मृदा परीक्षण और अम्लीय मृदा सुधार के उपाय कृषि उत्पादन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सही तकनीकों के उपयोग से किसान न केवल अपनी उपज बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं।
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