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होम गार्डनिंग में पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिये आपको सर्दियों के मौसम में सही संतुलन बनाकर रखना होगा। ठंड के दिनों में अधिकतर लोग गार्डनिंग करते हैं, जिसमें कई तरह की समस्याऐं आती हैं। जैसे पौधे की ग्रोथ रुकना रोग लगना आदि। सर्दी के दिनों में हवा और पानी ठंडे हो जाते हैं, सूर्य का प्रकाश भी सही तरह से नहीं पहुंच पाता इसलिए पौधों को सही पोषण नहीं मिल पाता है। गार्डन की अच्छी ग्रोथ के लिए ठंड आने से पहले इन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पौधो की गार्डनिंग करने के लिए सही जगह का चुनाव बहुत जरूरी होता है। कुछ लोग गमले में मिट्टी भरकर पौधे रोपते हैं और उसे कहीं भी रख देते हैं, जिससे पौधे की ग्रोथ नही हो पाती। पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिये उसमें हवा, पानी और प्रकाश का सही संतुलन आवश्यक है। पौधे ऐसी जगह पर लगाएं जहां दिनभर में कम से कम 6 घंटे की धूप लगे।
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पौधों की मिट्टी बदलते समय पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करें। पुरानी हो चुकी मिट्टी में वायु का संचार भी ठीक तरीक़े से नहीं हो पाता है जिसके कारण मिट्टी गीली रहती है। इसलिए पौधे को दोबारा गमले में लगाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी के साथ थोड़ी रेत और कंपोस्ट मिलाकर ही पौधा रोपें। साथ ही इसमें गोबर खाद और वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं। मिट्टी तैयार करते समय नाइट्रोजन के अच्छे स्रोत के रूप में आप मिट्टी के साथ अलसी की खली, बोनमील और नीम केक पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं।
पौधों को सुबह पानी देना अक्सर सबसे अच्छा समय माना जाता है। यह पौधों को दिन की गर्मी से पहले नमी को अवशोषित करता है, जिससे बगीचे के पौधों में फंगल रोगों का खतरा कम हो जाता है। गमले में जब भी सिंचाई करें उससे पहले मिट्टी की नमी जांच लें। सर्दी के दिनों में 5-6 दिन बाद भी पानी देंगे तो चलेगा। पौधों को रात में पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि पत्तियों पर लंबे समय तक नमी रहने से फफूंद को बढ़ावा मिलता है। पौधों में ड्रिप सिंचाई, होज़ या वॉटरिंग कैन, स्प्रिंकलर या हाथ से पानी देना ज्यादा लाभदायक होता है।
गार्डन में ऑर्गेनिक खाद का करें प्रयोग: सर्दी के दिनों में पौधों की ग्रोथ बढाने के लिये कुछ लोग बाजार में बिकने वाली महंगी चीजों का इस्तेमाल करते हैं कई बार इन चीजों का मौसम के साथ नुकसान करती हैं। पौधों में हमेशा गोबर खाद, केंचुआ खाद, किचन वेस्ट खाद या फिर नारियल के छिलकों से बना कोकोपीट ही इस्तेमाल करें इससे पौधा अच्छी तरह से ग्रोथ करेगा। कीटनाशक के लिए नीम के पानी का इस्तेमाल करें।
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