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रबी फसल की कटाई के बाद ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई के लिए अपनाएं ये जरूरी उपाय

ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई
ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई

रबी फसलों जैसे गेहूं, चना, मसूर, तिवड़ा आदि की कटाई के तुरंत बाद, यदि पानी की पर्याप्त उपलब्धता हो, तो ग्रीष्मकालीन मक्का, भिंडी और लोबिया की बुवाई 31 मार्च तक पूरी कर लें। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, इन फसलों के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसका पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए।

खेत की तैयारी और बीजोपचार: खेत की जुताई के लिए पहले एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें, फिर 2-3 बार कल्टीवेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरी और महीन बना लें। भूमि जनित रोगों से बचाव के लिए बीजों का फफूंदनाशक कार्बेन्डाजिम + मैंकोजेब (2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचार करें।

ग्रीष्मकालीन मक्का की बुवाई और उन्नत किस्में Sowing of summer maize and improved varieties:

  1. प्रमुख किस्में: पीएमएच-7, पीएमएच-8, पीएमएच-10, कंचन, गौरव, विवेक मक्का, हाइब्रिड-27।
  2. बीज दर: सामान्य मक्का के लिए 18-20 किग्रा और संकर मक्का के लिए 12-15 किग्रा प्रति हेक्टेयर।
  3. बुवाई दूरी: कतार से कतार की दूरी 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी।
  4. उर्वरक प्रबंधन: 120:60:40 किग्रा प्रति हेक्टेयर (नाइट्रोजन: फास्फोरस: पोटाश)। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय दें। शेष आधी नाइट्रोजन को दो भागों में विभाजित कर दें।

ग्रीष्मकालीन भिंडी की बुवाई और उन्नत किस्में Sowing of summer bhindi and improved varieties:

  1. प्रमुख किस्में: पूसा सावनी, पूसा मखमली, परभनी क्रांति, अर्का अनामिका।
  2. बीज दर: 20-22 किग्रा प्रति हेक्टेयर।
  3. बुवाई दूरी: कतार से कतार की दूरी 45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी।
  4. उर्वरक प्रबंधन: 40:50:60 किग्रा प्रति हेक्टेयर (नाइट्रोजन: फास्फोरस: पोटाश)। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय दें। शेष आधी नाइट्रोजन को दो भागों में विभाजित कर दें।

ग्रीष्मकालीन लोबिया की बुवाई और उन्नत किस्में:

  1. प्रमुख किस्में: पूसा कोमल, पूसा सुकोमल, काशी गौरी, काशी कंचन।
  2. बीज दर: 18-20 किग्रा प्रति हेक्टेयर।
  3. बुवाई दूरी: कतार से कतार की दूरी 45-60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी।
  4. उर्वरक प्रबंधन: 20:60:50 किग्रा प्रति हेक्टेयर (नाइट्रोजन: फास्फोरस: पोटाश)। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय दें। शेष आधी नाइट्रोजन को दो भागों में विभाजित कर दें।

रबी फसलों की कटाई के सही समय पर करें निर्णय:

  1. चना: जब पौधे पीले पड़ जाएं, फलियां पूरी तरह पककर भूरे रंग की हो जाएं और दाने सख्त हो जाएं, तभी कटाई करें।
  2. मसूर: जब 70-80% फलियां सूख जाएं, तब कटाई करें। मसूर को ज्यादा समय तक खेत में खड़ा न रखें, वरना पैदावार पर असर पड़ सकता है।
  3. सरसों: जब पत्ते झड़ने लगें, फलियां पीली पड़ जाएं और 75% फलियां सुनहरी हो जाएं, तब कटाई करें।

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