भारत में सोयाबीन एक प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका उपयोग खाद्य तेल और पशु आहार के रूप में किया जाता है। इसकी कीमतों में समय-समय पर उतार-चढ़ाव देखा जाता है, जो बाजार की मांग, फसल की गुणवत्ता और मौसम पर निर्भर करता है। आज, 25 मार्च 2025 को गुजरात और राजस्थान की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन की आवक और दामों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। आइए जानते हैं आज के ताजा मंडी भाव।
दाहोद मंडी में सोयाबीन के भाव: दाहोद मंडी में आज कुल 1.2 टन सोयाबीन की आवक दर्ज की गई। इस मंडी में न्यूनतम कीमत ₹4100 प्रति क्विंटल और अधिकतम कीमत ₹4150 प्रति क्विंटल रही। यहां मॉडल कीमत ₹4125 प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जो बाजार में स्थिरता को दर्शाती है।
धोराजी मंडी में सोयाबीन के भाव: धोराजी मंडी में आज 1.9 टन पीली सोयाबीन की आवक हुई। इस मंडी में न्यूनतम कीमत ₹3455 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹3805 प्रति क्विंटल रही। यहां मॉडल कीमत ₹3805 प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जो अच्छी गुणवत्ता की सोयाबीन की वजह से ऊंची बनी रही।
वडाली मंडी में सोयाबीन के भाव: वडाली मंडी में 3.5 टन अन्य किस्म की सोयाबीन की आवक हुई। यहां न्यूनतम कीमत ₹3750 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹4000 प्रति क्विंटल रही। मॉडल कीमत ₹3875 प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रही।
वेरावल मंडी में सोयाबीन के भाव: वेरावल मंडी में आज 2.84 टन सोयाबीन की आवक दर्ज की गई। इस मंडी में न्यूनतम कीमत ₹3900 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹3955 प्रति क्विंटल रही। मॉडल कीमत ₹3945 प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जो बाजार में अच्छी मांग को दिखाती है।
उदयपुर मंडी में सोयाबीन के भाव: उदयपुर (ग्रेन) मंडी में आज 2 टन सोयाबीन की आवक हुई। यहां न्यूनतम कीमत ₹3850 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹4150 प्रति क्विंटल दर्ज की गई। इस मंडी में मॉडल कीमत ₹4050 प्रति क्विंटल रही, जो अन्य मंडियों की तुलना में थोड़ी अधिक रही।
कोटा मंडी में सोयाबीन के भाव: कोटा मंडी में सबसे अधिक 596 टन सोयाबीन की आवक हुई। यहां न्यूनतम कीमत ₹4000 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹4130 प्रति क्विंटल दर्ज की गई। मॉडल कीमत ₹4050 प्रति क्विंटल रही, जो भारी आवक के बावजूद स्थिर बनी रही।
किसानों के लिए सुझाव: आज की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान और गुजरात की मंडियों में सोयाबीन की कीमतें सामान्य स्तर पर बनी रहीं। कुछ मंडियों में उच्च गुणवत्ता वाली फसल को बेहतर कीमत मिली, जबकि भारी आवक के कारण कुछ जगहों पर कीमतें स्थिर रहीं।
किसानों के लिए सुझाव: यदि सोयाबीन की कीमतें कम हैं, तो जल्दबाजी में फसल बेचने से बचें और बाजार के रुझान को देखते हुए उचित समय पर बिक्री करें। गुणवत्ता को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है, ताकि अधिकतम मूल्य प्राप्त किया जा सके।
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