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Soybean mandi bhav today: आइये जानते हैं, राजस्थान में सोयाबीन का मंडी भाव आज का (10 दिसंबर, 2024)

सोयाबीन की कीमतें
सोयाबीन की कीमतें

राजस्थान की मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में हर दिन उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। किसानों और व्यापारियों के लिए सोयाबीन के ताजा भाव और मंडी की स्थिति जानना बेहद ज़रूरी है। आज, 10 दिसंबर 2024 को, राजस्थान के प्रमुख मंडियों से सोयाबीन की कीमतों और आवक की ताजा जानकारी लेकर हम हाज़िर हैं।

मंडीवार सोयाबीन की कीमतें और आवक Mandi wise soybean prices and arrivals:

आज की मंडियों में आवक के आंकड़े इस प्रकार हैं।

मंडी का नाम आवक (टन में) वैरायटी न्यूनतम मूल्य (₹/क्विंटल) अधिकतम मूल्य (₹/क्विंटल)
बारां 550 अन्य ₹ 3,600 ₹ 4,150
बूंदी 33 अन्य ₹ 3,300 ₹ 4,149
छिपाबरोड (छबड़ा) 145.7 अन्य ₹ 2,850 ₹ 4,220
छोटी सादड़ी 10.1 सोयाबीन ₹ 3,680 ₹ 4,166
देई 29.5 अन्य ₹ 3,738 ₹ 4,190
खानपुर 205 अन्य ₹ 3,850 ₹ 4,250
कोटा 426 अन्य ₹ 4,050 ₹ 4,290
मनोहर थाना 5.4 ब्लैक ₹ 3,940 ₹ 4,120
नाहरगढ़ 20.8 अन्य ₹ 3,940 ₹ 4,100
निम्बाहेड़ा 95 अन्य ₹ 3,771 ₹ 4,120
प्रतापगढ़ 198 अन्य ₹ 4,300 ₹ 5,800
समरानिया 3 अन्य ₹ 3,600 ₹ 4,075
उदयपुर (ग्रेन) 4.2 अन्य ₹ 3,950 ₹ 4,150
  1. सबसे अधिक आवक: बारां मंडी में 550 टन की आवक के साथ सबसे अधिक आपूर्ति दर्ज की गई।
  2. सबसे अधिक कीमत: प्रतापगढ़ मंडी में अधिकतम कीमत ₹5800 प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जो अन्य मंडियों की तुलना में सबसे अधिक है।
  3. सबसे कम कीमत: छबड़ा मंडी में सोयाबीन की न्यूनतम कीमत ₹2850 प्रति क्विंटल रही।
  4. स्थिरता वाले केंद्र: कोटा और छोटी सादड़ी मंडियों में मॉडल कीमतें स्थिर रहीं, जो गुणवत्ता और आवक पर आधारित थीं।

किसानों और व्यापारियों पर प्रभाव:

  1. किसानों पर प्रभाव: जिन मंडियों में कीमतें MSP से कम हैं, वहां किसानों को नुकसान हो रहा है।
  2. व्यापारियों को अवसर: निम्न कीमतों वाली मंडियों से सोयाबीन खरीदना व्यापारियों के लिए लाभदायक है।
  3. सरकार की भूमिका: कीमतों में स्थिरता लाने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।

निष्कर्ष: राजस्थान में सोयाबीन और अन्य तिलहनों की कीमतें और गुणवत्ता के अनुसार अलग-अलग हैं। किसानों और व्यापारियों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए भंडारण और लॉजिस्टिक्स में सुधार अत्यंत आवश्यक है। सरकार को मंडी भाव में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ MSP का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इससे मंडियों में स्थिरता आएगी और किसानों सहित सभी हितधारकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।

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