प्रयागराज में सुरक्षा के विशेष उपाय
By khetivyapar
पोस्टेड: 31 Dec, 2024 12:00 AM IST Updated Tue, 31 Dec 2024 10:24 AM IST
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों के लिए प्रयागराज में किया जाएगा। इस दौरान कई प्रमुख अवसर एक साथ हैं प्रवासी भारतीय दिवस, महाकुंभ और उसके बाद गणतंत्र दिवस। यह एक प्रकार की त्रिवेणी है, जो भारत के विकास और विरासत से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस 45 दिवसीय आयोजन में देश-विदेश से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
कुंभ की तैयारियों को लेकर मुख्य तथ्य और आंकड़े:
श्रेणी |
विवरण/आंकड़े |
अवधि |
45 दिन (13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक) |
अपेक्षित आगंतुक |
40 करोड़ से अधिक |
सड़कें |
92 सड़कों का नवीनीकरण व 17 सड़कों का सौंदर्यीकरण |
पुल |
3,308 पंटून से बने 30 पंटून पुल; 28 तैयार |
साइन बोर्ड |
800 बहुभाषीय साइन बोर्ड; 400 से अधिक स्थापित |
चेकर्ड प्लेट |
2,69,000 प्लेटें मेले क्षेत्र में बिछाई गईं |
महाकुंभ 2025: भव्य तैयारियां और आधुनिक सुविधाओं का समागम:
- महाकुंभ नगर को एक अस्थायी शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें हजारों टेंट और आश्रय स्थल बनाए गए हैं।
- आईआरसीटीसी द्वारा संचालित यह लग्ज़री टेंट सिटी आधुनिक सुविधाओं से युक्त डीलक्स टेंट और विला प्रदान करेगी।
- सड़कों का नवीनीकरण और 17 प्रमुख सड़कों का सौंदर्यीकरण पूरा होने के कगार पर है।
- 3,308 पंटून से 30 पंटून पुल बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 28 चालू हो चुके हैं।
- हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में 800 बहुभाषीय साइन बोर्ड स्थापित किए जा रहे हैं।
- 400 से अधिक साइन बोर्ड पहले ही लगाए जा चुके हैं।
- 2,69,000 चेकर्ड प्लेटों से पैदल पथ बनाए गए हैं।
- मोबाइल टॉयलेट और मजबूत कचरा प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था की गई है।
कुंभ में सुरक्षा के लिये विशेष उपाय:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित भीड़ घनत्व निगरानी।
- 2,700 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन द्वारा हवाई निगरानी।
- चेहरे की पहचान तकनीक की जायेगी।
- ₹131 करोड़ का बजट फायर सुरक्षा के लिए आवंटित।
- 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (AWT) स्थापित।
- ये टावर 35 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने और वीडियो व थर्मल इमेजिंग में सक्षम हैं।
- संगम क्षेत्र में 100 मीटर तक डुबकी लगाने में सक्षम ड्रोन 24x7 निगरानी करेंगे।
- 56 साइबर विशेषज्ञों की टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी रखेगी।
स्वास्थ्य सेवाएं: अस्थायी अस्पतालों में सर्जिकल और डायग्नोस्टिक सेवाओं के साथ "भीष्म क्यूब" 200 लोगों का एक साथ इलाज करने में सक्षम होगा। "नेत्र कुंभ" में 5 लाख लोगों की आंखों की जांच और 3 लाख से अधिक चश्मे वितरित करने की योजना। नेत्रदान शिविर में पिछले आयोजन में 11,000 लोगों ने नेत्रदान किया।
पर्यावरण संरक्षण: गंगा और यमुना की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 3 अस्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट। सोलर लाइटिंग, पुन: उपयोग योग्य सामग्री का उपयोग, और सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध।
डिजिटल और पर्यटन पहल:
- मोबाइल ऐप: भीड़ घनत्व, आपातकालीन अलर्ट, दिशानिर्देश और ठहरने की जानकारी के लिए समर्पित ऐप।
- वाई-फाई जोन: अस्थायी वाई-फाई जोन स्थापित किए जा रहे हैं।
- पर्यटन और सांस्कृतिक प्रचार: 5 एकड़ क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन सर्किट और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे- शास्त्रीय संगीत, नृत्य और आध्यात्मिक विरासत की प्रदर्शनी करेंगें।