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टमाटर की कीमतों में आए भारी उछाल मे टमाटर की लाली को भारतीय घरों में फीका कर दिया। बात करें भारतीय पकवान की तो टमाटर, लहसुन, प्याज, आलू ये हर भारतीय व्यंजन में आम जरूरत की सब्जियाँ हैं। टमाटर के खुदरा भाव जो फरवरी मार्च में आम 15 से 20 रूपये प्रति किलो चल रहे थे वह क्रमशः 60 रूपये किलो तक से बढ़कर आसमान की ऊँचाई छूते हुये 120 रूपये प्रति किलो-160 रूपये प्रति किलो तक हो गये।
गृहणियों से पूंछा जाये तो दिल्ली, बम्बई, लखनऊ, भोपाल, चण्डीगढ़, जयपुर, में आसमान छूते टमाटर के भाव ने टमाटर को उनके रसोई से गायब कर दिया है और अब मौसमी खीरे के साथ टमाटर का सलाद नदारथ है। व्यंजन में भी पड़ रहे टमाटर की खपत मध्यम वर्गीय घरों में अब नहीं के बराबर है।
सरकार ने उठाई नई पहल:
भारतीय सरकार भी टमाटर की इस कीमत की उछाल से विचलित है। सरकार ने एक विशाल ‘‘टोमेटो चैलेंज हेकेथोन’द्वारा एक नई पहल शुरू की है, जिससे आम जनता से उनके विचार मूल्य नियंत्रण और उसके वितरण प्रणाली और कृषि उत्पाद का देय सही मूल्य टोमेटो संबंधित एक डिजिटल हेकेथोन प्रतियागिता द्वारा मांगी है। यह प्रतियोगिता (Department of Consumer Affairs or Ministry of Education) के सहभागी से की जा रही है। यह सराहनीय है पर गृहणियों के लिये टमाटर की मंहगाई आज भी उनके वेजिटेबल खरीददारी में आडे आ रही है। टमाटर की कीमतें बारिश और साथ ही अन्य वितरण प्रणाली से उठी समस्यायें संभावित एक हफ्ते राहत देती नहीं दिखाई दे रही है।
टमाटर से भरा अब ट्रक भी लूटा:
यह भी विडबंना है कि चोर लुटेरे अब तक अपना हाथ आभूषण, नई कारें, मोटर साईकिल, या अन्य त्वरित नकदी देने वाले वस्तुओं पर ही साफ करते थे। समाचारों की मानें तो अभी हाल में कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में कुछ व्यक्ति टमाटर का ट्रक लूटकर भाग गये। इस ट्रक में लगभग 2.5 टन टमाटर था जिसकी कीमत 3 लाख रूपये तक अनुमानित है।
कौन कहता है कि टमाटर की लाली खाली आपकी डाइनिंग टेबल की शोभा बढ़ाती है अब तो यह कुछ व्यापारी और साथ में जल मुनाफा कमाने वाले कुछ चुनिंदे लोगों के लिये लखपती बनने का एक आसान उपाय हो गया है। किसान अब भी लाचार है।