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खेती-किसानी की दिशा में सुधार : शिवराज सिंह चौहान की किसानों के साथ बैठक

किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने पर विचार
किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने पर विचार

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विभिन्न राज्यों के किसानों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस चर्चा का उद्देश्य कृषि और किसानों के कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करना था।

रबी फसलों के MSP में वृद्धि और छोटे भूखंड धारकों पर चर्चा 

बैठक में, श्री चौहान ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि के हालिया कैबिनेट निर्णय की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया है, जो किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों ने छोटे भूखंड धारकों के लिए "मॉडल कृषि खेती" की स्थापना का सुझाव दिया, जिससे छोटे किसानों को लाभकारी खेती के तरीके समझाने में मदद मिलेगी। उदाहरण के तौर पर, किसानों ने एक एकड़ भूमि पर सफलतापूर्वक खेती करने की कहानियाँ साझा की।

जल, उर्वरक, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य समस्याएँ:

बैठक में जल आपूर्ति, उर्वरकों का उपयोग, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली समस्याएँ, शुगर मिलों की बंदी और आवारा पशुओं की समस्याओं पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा, किसानों ने मिलेट्स (श्री अन्न) को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उन्हें हल करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों का संबंध राज्य सरकारों से है, उन्हें संबंधित राज्यों को भेजा जाएगा, जबकि केंद्रीय मामलों पर संबंधित विभाग कार्रवाई करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "किसानों के साथ खुला संवाद बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे हमें जमीनी स्तर की समस्याओं की सही जानकारी मिलती है और यह सुनिश्चित होता है कि सरकारी योजनाएँ किसानों तक प्रभावी तरीके से पहुँच रही हैं।"

हरियाणा के एमएसपी फैसले पर प्रशंसा

उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का सभी 23 फसलों को घोषित MSP पर खरीदने के निर्णय के लिए धन्यवाद दिया और इसे किसान-हितैषी फैसला करार दिया। 
यह बैठक किसानों और सरकार के बीच संवाद को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम थी, जिसमें कृषि प्रथाओं और किसान कल्याण में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया।
 

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