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देशभर के किसानों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड पाने के लिए भूमि रिकॉर्ड जैसे दस्तावेजों की जरूरत और बैंक की शाखाओं में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कृषकों के लिए इसकी शुरुआत देश के दो बैकों ने कर दी है. किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) तक पहुंच सुगम बनाने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक ने प्रायोगिक (पायलट) परियोजनाएं शुरू कीं हैं.
बैंकों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रायोगिक परियोजनाओं के तहत बैंक, किसान क्रेडिट कार्ड हासिल करने के लिए वह किसानों के लिए भूमि रिकॉर्ड जैसे भौतिक दस्तावेजों की जरूरत और बैंक शाखा में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने जैसी अनिवार्यता को समाप्त कर देंगे. पब्लिक सेक्टर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मध्य प्रदेश के हरदा जिले से इस पायलट परियोजना को शुरू किया, जबकि निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक ने चेन्नई से इस परियोजना को शुरू किया. ये परियोजनाएं ग्रामीण वित्त के डिजिटलीकरण के लिए रिजर्व बैंक की पहल का हिस्सा हैं जिसमें बैंक, रिजर्व बैंक के नवोन्मेषण केन्द्र (आरबीआईएच) के साथ सहयोग कर रहे हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि वह धीरे-धीरे इसे देश के अन्य राज्यों में फैलायेगा. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ए मणिमेखलाई ने आरबीआईएच के मुख्य उत्पाद प्रबंधक राकेश रंजन, बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन और जिले के 400 से अधिक किसानों की उपस्थिति में हरदा से परियोजना का शुभारंभ किया.