जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। इस बैठक में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने के अवसरों पर चर्चा की गई। इसमें फसल उपरांत प्रौद्योगिकी, जैविक और प्राकृतिक खेती और कृषि मशीनीकरण जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया।
डॉ. चतुर्वेदी ने कृषि क्षेत्र में भारत और जर्मनी के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को रेखांकित किया। उन्होंने अंतरसरकारी विचार-विमर्श (IGC), समझौता ज्ञापन (MoU), और संयुक्त इरादे की घोषणाओं के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने हाल ही में हुई IGC बैठक में डिजिटल कृषि और त्रिकोणीय विकास सहयोग के क्षेत्रों में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया। इसके अलावा आगामी संयुक्त कार्य समूह की बैठक पर भी चर्चा की गई, जो इस सहयोग को और मजबूत करेगी।
बैठक में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता और समग्र उत्पादकता में सुधार किया जा सके। अन्य महत्वपूर्ण विषयों में किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को सशक्त बनाना, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, डिजिटल कृषि में उन्नति, बीज क्षेत्र का विकास, और क्षमता निर्माण शामिल थे।
खाद्य प्रसंस्करण और व्यापार में निवेश पर जोर: दोनों पक्षों ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में अधिक निवेश की आवश्यकता और व्यापार को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की। खासतौर पर, बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयासों पर सहमति बनी।
नवाचार और तकनीकी सहयोग पर ध्यान: बैठक में कृषि नवाचार, व्यापार, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भारत-जर्मनी सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। इस सहयोग का उद्देश्य दोनों देशों के लिए लाभकारी परिणाम सुनिश्चित करना है।
ये भी पढें... मुख्यमंत्री ने विदिशा में 177.53 करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन किया, जानें पूरी खबर!