राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए निरंतर संकल्पित होकर कार्य कर रही है। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। विभाग द्वारा संचालित खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 5 लाख 15 हजार 772 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत 66 हजार 412 किसानों को लाभ प्राप्त हुआ है। इन योजनाओं के तहत किसानों को सस्ते दामों पर बीज, उर्वरक और कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त 'आत्मा' (सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन) कार्यक्रम के तहत कृषि विस्तार सेवाओं में सुधार और सुदृढ़ीकरण का कार्य जारी है। इसके अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण, कृषि विज्ञान मेला, और किसान संगोष्ठी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023-24 में 2 लाख 35 हजार 767 किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। इसके अलावा, किसानों को विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया जा रहा है।
बीज ग्राम कार्यक्रम के अंतर्गत 2 लाख 92 हजार 750 किसानों को 80 हजार 275 क्विंटल बीज वितरित किया गया है। प्रदेश में किसानों को नि:शुल्क स्वाइल हेल्थ कार्ड भी प्रदान किए जा रहे हैं। इस कार्ड के माध्यम से अनुशंसित उर्वरक और पोषक तत्वों की मात्रा के आधार पर किसानों को उच्च उत्पादकता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पिछले 2 वर्षों में 9 लाख 73 हजार 250 किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर, ड्रिप और रेनगन की व्यवस्था पर लघु और सीमांत किसानों को 55% अनुदान और अन्य किसानों को 45% अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 17 हजार 496 किसानों को इसका लाभ मिला है। किसानों को नलकूप खनन पर पंप स्थापना के लिए 75% अनुदान (अधिकतम 15 हजार रुपये) प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 212 किसानों को इसका लाभ मिला है।
जैविक खेती को बढ़ावा: जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024-25 में 2169 समूहों को स्वीकृत किया गया है, जिसमें 43 हजार 380 हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य है। प्रदेश में प्राकृतिक कृषि के प्रसार के लिए मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन भी किया गया है, जो किसानों को प्राकृतिक कृषि अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।