खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और NIFTEM-कुंडली के संयुक्त तत्वावधान में SUFALAM स्टार्ट-अप फोरम फॉर एस्पायरिंग लीडर्स एंड मेंटर्स का दूसरा संस्करण 25–26 अप्रैल, 2025 को NIFTEM-कुंडली परिसर में आयोजित किया जाएगा। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने की दिशा में यह कार्यक्रम नवाचार, उद्यमिता और स्थिरता को बढ़ावा देने का एक अहम प्रयास है।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में स्टार्टअप्स को सशक्त करने, ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग को बढ़ावा देने वाली कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान उद्घाटन करेंगे और सरकार की योजनाओं व अनुदानों के माध्यम से युवा उद्यमियों के लिए व्यापार में सुगमता बढ़ाने पर प्रकाश डालेंगे। NIFTEM-कुंडली स्टार्टअप्स को मेंटरशिप, परामर्श सेवाएं और अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा।
"पेप टॉक बाय बडिंग स्टार्टअप्स" सत्र: युवा उद्यमी जैसे कि Ms. ईशा झंवार (Reipeat Gud Pvt. Ltd.) – हेल्दी, प्रिज़र्वेटिव-फ्री टोमैटो सॉस व मेयोनीज़ में नवाचार, Mr. रोमी कुल्थिया (Atpata) – पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का संयोजन, Mr. प्रियांशु राज (Aromaé) एवं Ms. पलक अरोड़ा (SatGuru Superfoods) – स्केलिंग और ग्रामीण-शहरी बाजार की चुनौतियाँ, Mr. अनघ गोयल– जलवायु-स्थिर व्यवसाय मॉडल
स्टार्टअप्स की भागीदारी और नवाचार: देशभर के 23 राज्यों से 250 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, मणिपुर, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। कुछ स्टार्टअप्स नवाचारों जैसे सेल-कल्चर मीट, प्लांट-बेस्ड फूड्स, फंक्शनल फूड्स, खाद्य सुरक्षा के लिए त्वरित जांच किट आदि का प्रदर्शन करेंगे। 35 से अधिक स्टार्टअप्स अपने विचार प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिनमें Nestlé, Bühler Group, Eureka Analytical Systems और Indian Angel Network के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
साझेदारी के साथ खाद्य क्षेत्र को मिलेगा नया आयाम: कार्यक्रम में मेंटोर लॉन्ज, स्टार्टअप्स और MSMEs की प्रदर्शनी जैसे आकर्षण भी होंगे। “SUFALAM 2025 हमारे देश के खाद्य क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्टार्टअप्स को सही मार्गदर्शन और नेटवर्क प्रदान करके हम एक आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर हो रहे हैं।” 300 से अधिक प्रतिभागी, 65+ प्रदर्शक, और 20 राज्यों के निवेशक, नीति निर्माता और उद्यमियों की भागीदारी से यह सम्मेलन भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को गति देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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