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संगम नगरी प्रयागराज का तीर्थ तब तक सफल नहीं माना जाता है जब तक आप नागवासुकि मंदिर का दर्शन नहीं कर लेते है। संगम क्षेत्र से करीब 3 से 4 किलोमिटर की दूरी पर दारागंज में प्राचीन नागवासुकि मंदिर स्थित है। माना जाता है कि समुद्रमंथन के बाद नागराज वासुकि ने इसी स्थान पर विश्राम किया था। गंगा किनारे बसे इस प्राचीन मंदिर में नाग पंचमी के दिन सैकड़ो श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
पुराणों के अनुसार, मुगल काल में जब औरंगजेब ने नागवासुकि मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी तब नाग देवता ने खुद मंदिर को क्षति पहुंचाने से बचाया था।
पद्म पुराण के अनुसार, समुद्रमंथन के बाद नागराज वासुकी थके-हारे प्रयागराज पहुंचे थे। जहां विष्णु के कहने पर नागराज ने सरस्वती नदी में स्नान किया और आराम किया। माना जाता है कि जिस स्थान पर नागराज ने आराम किया था वहीं नागवासुकि मंदिर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि नागपंचमी के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने के बाद नागवासुकि की पूजा-अर्चना करने से नाग राज की कृपा होती है। इस प्राचीन मंदिर के दर्शन मात्र से ही कालसर्पदोष समाप्त हो जाता है।
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नागवासुकि मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक हिंदू शैली में है। मंदिर के अंदर एक बड़ा केंद्रीय हॉल है और गर्भगृह के अंदर भगवान वासुकी की काले पत्थर से बनी मूर्ति है। यह मूर्ति सुरक्षा और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक मानी जाती है। मंदिर में भगवान शिव, गणेश, पार्वती और भीष्म पितामह के छोटे-छोटे मंदिर भी हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
नाग पंचमी के मौके पर हजारों श्रद्धालु पहुंचते नागवासुकि के द्वार: नाग पंचमी का वार्षिक त्योहार जुलाई/अगस्त के माह में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। श्रद्धालु घंटों लंबी कतारों में खड़े होकर वासुकी देवता के दर्शन करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन मंदिर के पुजारी पूजा और आरती करते हैं। हजारों लोग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करके मंदिर आते हैं। विवाहित महिलाएं उपवास रहती हैं और दूध, फूल, फल, सिक्के नाग देवता को अर्पित करती हैं।
इस तरह आसानी से पहुंचे नागवासुकि मंदिर: नागवासुकि मंदिर प्रयागराज के दारागंज क्षेत्र में स्थित है, जो इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 7.4 किमी दूर है। आप रेलवे स्टेशन से ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या लोकल बस से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। संगम क्षेत्र से सीधे चलते हुए 1 से 2 चलने के बाद प्राचीन वेणी माधव मंदिर के दर्शन के बाद सीधे रास्ते 1-2 किलोमीटर चलने पर आप आसानी से नागवासुकि मंदिर पहुंच सकते है। निकटतम हवाई अड्डा बमरौली हवाई अड्डा है, जो शहर से 12 किमी दूर है। गूगल मैप्स की मदद से भी दिशा-निर्देश प्राप्त किए जा सकते हैं।
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