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कद्दू की खेती से लौटी किस्मत, महिला किसान कर रही हैं मोटी कमाई, जानिए कैसे कृषि अब न केवल लोगों के भरण-पोषण के साधन के रूप में बल्कि एक लाभदायक रोजगार के रूप में भी पहचानी जाने लगी है। विशेष रूप से पिछले कुछ वर्षों में, केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के प्रोत्साहन और समर्थन से किसान अब मुख्य खाद्य फसलों के अलावा मौसमी सब्जियां उगाने के लिए उत्सुक हैं। एक ही जमीन पर साल-दर-साल एक ही फसल उगाने की तुलना में खाद्यान्न के साथ अन्य सब्जियां उगाने से मिट्टी के साथ-साथ किसानों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार हो सकता है।
कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना संभव है। ऐसी ही एक किसान हैं खगड़िया की रहने वाली बसंती देवी, जो महज कुछ बीघे जमीन में कद्दू की खेती कर महीने में 40 से 45 हजार कमा लेती हैं। पारंपरिक कृषि प्रणालियों में, सामान्य किसान भूमि के एक टुकड़े पर वर्ष में केवल एक ही फसल उगाती हैं. लेकिन एक ही जमीन पर एक साथ दो से अधिक फसलें उगाने से आर्थिक लाभ के साथ-साथ जमीन की हालत भी सुधरती है। कृषि वैज्ञानिक भी फिलहाल इस पद्धति को अपनाने की बात कर रहे हैं। खगड़िया के तेलांछ क्षेत्र की किसान बसंती देवी इस राह को अपनाकर काफी समृद्ध हो गयी हैं। सिर्फ 5 प्लॉट में कद्दू की खेती कर उन्होंने दो महीने में 40 से 45 हजार रुपये कमाए। बसंती देवी ने बताया, इस साल जयेष्ठ माह में उन्होंने सेबनी किस्म के कद्दू लगाए। लगभग 40 दिनों के बाद फल लगना शुरू हो जाता है। वह जमीन में आमतौर पर डीएपी, यूरिया, पोटाश, जिंक, सल्फर आदि उर्वरकों का इस्तेमाल करती थी।
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