भारत में आर्थिक परिवर्तन के लिये स्वामित्व योजना की शुरूआत गई। यह योजना गांव की आबादी क्षेत्र में संपत्ति मालिकों को अधिकारों का अभिलेख प्रदान करती है। उन्नत ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके भूमि का सीमांकन किया जाता है, जिससे संपत्ति का मुद्रीकरण, बैंक ऋण तक पहुंच, संपत्ति विवादों में कमी, और समग्र ग्राम स्तर की योजना को प्रोत्साहन मिलता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर 2024 को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 46,351 गांवों में 57 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्डों का ई-वितरण करेंगे।
पिछले कई दशकों से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सर्वेक्षण और बस्तियों का कार्य अधूरा रहा है। कई राज्यों में गांवों के आबादी क्षेत्रों का मानचित्रण और दस्तावेजीकरण नहीं किया गया था। कानूनी रिकॉर्ड की अनुपस्थिति ने इन क्षेत्रों के संपत्ति मालिकों को औपचारिक ऋण प्राप्त करने और अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने से वंचित रखा। संपत्ति रिकॉर्ड की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, एक आधुनिक समाधान की जरूरत महसूस की गई। इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्वामित्व योजना की शुरूआत की गई, जिसमें गांवों के आबादी क्षेत्रों के सर्वेक्षण और मानचित्रण के लिए उन्नत ड्रोन तकनीक का उपयोग किया गया।
27 दिसंबर 2024 को 57 लाख संपत्ति कार्ड 10 राज्यों (छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) और 2 केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) के 46,351 गांवों में वितरित किए जाएंगे। 31 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश योजना के तहत शामिल हो चुके हैं, और 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया गया है। 2.19 करोड़ संपत्ति कार्ड 1.49 लाख गांवों के लिए तैयार किए गए हैं।
ड्रोन तकनीक से ग्रामीण भारत में बदलाव: स्वामित्व योजना ने ड्रोन तकनीक और कंटिन्यूस ऑपरेटिंग रेफरेंसिंग सिस्टम (CORS) नेटवर्क का उपयोग करते हुए उच्च-रिज़ॉल्यूशन नक्शे तैयार करने की प्रक्रिया को पूरी तरह बदल दिया है। इस योजना के तहत एक केंद्रीकृत ऑनलाइन मॉनिटरिंग डैशबोर्ड भी है, जो कार्यान्वयन प्रगति को वास्तविक समय में ट्रैक करने में मदद करता है। स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाकर उसे आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक विकास की ओर अग्रसर बनायेगी।