प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना से गांव और गरीब सशक्त होंगे और विकसित भारत की यात्रा सुगम बनेगी। बीते पांच वर्षों में देशभर में डेढ़ करोड़ ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के अधिकार का प्रमाण पत्र (प्रॉपर्टी कार्ड) सौंपा गया है। आज 65 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रॉपर्टी कार्ड प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, अब तक करीब सवा दो करोड़ ग्रामीणों को उनके घर का आधिकारिक और कानूनी दस्तावेज मिल चुका है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति अधिकार पत्रों के ई-वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान देशभर के 50,000 से अधिक गांवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किए गए, जिनमें मध्यप्रदेश के 15.63 लाख लाभार्थी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के माध्यम से हमने इस चुनौती का समाधान निकाल लिया है। ड्रोन तकनीक की मदद से गांवों की जमीनों का डिजिटल मैपिंग सर्वे किया गया और गरीबों को उनकी संपत्ति के आधिकारिक दस्तावेज सौंपे गए। अब तक देश के छह लाख गांवों में से आधे से अधिक गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है, और सवा दो करोड़ ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल चुके हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियों का मार्ग खुलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा और ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन में सुधार और समय पर बीमा क्लेम मिलने में भी सहायता मिलेगी। यह भी कहा कि गांवों का विकास ही देश का वास्तविक विकास है। इस दिशा में स्वामित्व योजना और भू-अधार जैसी योजनाएं ग्रामीण विकास के मजबूत आधार बनेंगी।
नारी शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका अहम है। सरकार द्वारा चलाई जा रही बैंक सखी, बीमा सखी, लखपति दीदी, ड्रोन दीदी जैसी योजनाएं नारी सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। आज देश में सवा करोड़ से अधिक महिलाएं "लखपति दीदी" बन चुकी हैं। स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति अधिकार पत्रों में पत्नियों के नाम भी जोड़े गए हैं। इसी तरह, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी घरों की रजिस्ट्री में महिलाओं का नाम दर्ज किया जा रहा है।