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चुनाव आयोग ने रायथु बंधु योजना के तहत राज्य सरकार को 28 नवंबर से पहले किसानों को राशि बांटने के लिए दी गई अनुमति वापस ले ली है। आयोग की तरफ से यह कदम बीआरएस नेता की ओर से नियमों का उल्लंघन करने पर उठाया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मतदान ने तीन दिन पहले इसे बीआरएस के साथ ही किसानों के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही चुनाव आयोग से इस अनुमति को वापस करवा लेना चाहते थे। खुद कांग्रेस की तरफ से मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा गया था कि बीआरएस को ‘रायथु बंधु’ के तहत वितरित की जा रही राशि का उल्लेख चुनावी रैलियों में करने से रोका जाए।
तेलंगाना में किसानों के लिए एक झटके वाली खबर है। बता दें कि रायथु बंधु योजना की शुरुआत तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने वर्ष 2018-19 में किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए की थी। इसके तहत राज्य सरकार किसानों के बैंक खाते में सीधे रुपये ट्रांसफर करती है। योजना में राज्य के किसानों को पहले हर साल 8000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती थी। इसे बाद में बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया। यह राशि सरकार किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य चीजों को खरीदने के लिए दिए जाते हैं।