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हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भारी बारिश के कारण प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार का खजाना खोलते हुए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत मुआवजा राशि में 25 गुणा तक की बढ़ोतरी की गई है। आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार कुल मिलाकर 4500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। प्रदेश सरकार ने 18 अगस्त, 2023 को पूरे हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है।
गौशाला को नुकसान पर 3000 रुपये के स्थान पर राज्य सरकार 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। आपदा के कारण राज्य में 8300 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस मॉनसून सीजन में 96 गाय व भैंसों, 16 घोड़े व गधों तथा 6 बछड़ों की मृत्यु हुई है, जिनके लिए सहायता राशि बढ़ाकर 55 हजार रुपये की गई है। पहले इनके लिए क्रमशः 37500 रुपये, 34000 रुपये और 20000 रुपये मिलते थे। भेड़ या बकरी की मृत्यु पर मिलने वाले 4000 रुपये मुआवजे को भी बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है।
आपदा में कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को भी भारी क्षति पहुंची है। कृषि एवं बागवानी योग्य भूमि को नुकसान पर पूर्व में प्रदत 3615 रुपये प्रति बीघा मुआवजे को बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है। साथ ही फसल के नुकसान पर मिलने वाले 500 रुपये प्रति बीघा मुआवजे को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया गया है। कृषि व बागवानी भूमि से सिल्ट निकालने के लिए आर्थिक सहायता 1384.61 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये की गई है। आपदा के कारण हुई तबाही से प्रदेश में 37899 बीघा कृषि भूमि, 17947 बीघा बागवानी भूमि को नुकसान हुआ है, जबकि 26490 बीघा पर फसल को क्षति हुई है। वहीं 42 बीघा में सिल्ट के कारण कृषि व बागवानी योग्य भूमि को नुकसान पहुंचा है।