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दिल्लीग में होगी किसानों के अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी, राष्ट्रगपति करेंगी उद्घाटन

दिल्लीग में होगी किसानों के अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी, राष्ट्रगपति करेंगी उद्घाटन
दिल्लीग में होगी किसानों के अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी, राष्ट्रगपति करेंगी उद्घाटन

दिल्‍ली में होगी किसानों के अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी, राष्‍ट्रपति करेंगी उद्घाटन, जानें डिटेल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यहां पूसा परिसर में किसानों के अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगी। मुर्मू पौध प्राधिकार केन्द्र (प्लांट अथॉरिटी सेंटर) का भी अनावरण करेंगी और कृषि-जैव विविधता में संरक्षण प्रयासों के लिए छह किसान समुदायों और व्यक्तिगत तौर पर 20 किसानों को पुरस्कार प्रदान करेंगी। पौध किस्मों और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) के अध्यक्ष त्रिलोचन महापात्र ने संवाददाताओं से कहा कि 12-15 सितंबर तक चार दिवसीय संगोष्ठी, भोजन और कृषि के लिए पौधों के आनुवंशिक संसाधनों पर वर्ष 2001 में अंतर्राष्ट्रीय संधि को अपनाने के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि खाद्य और कृषि के लिए अनुसंधान, प्रजनन और प्रशिक्षण के लिए बहुपक्षीय प्रणाली में 64 फसलों की आनुवंशिक सामग्री तक पहुंच की सुविधा के अलावा, यह संधि पौधों के आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण और विकास में स्थानीय तथा स्वदेशी किसानों के योगदान को मान्यता देती है। महापात्र ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की मौजूदा चुनौतियों से निपटने में पादप आनुवंशिक संसाधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस संदर्भ में, संगोष्ठी में अनुबंध पक्षों और इच्छुक अंशधारकों द्वारा किसानों के अधिकारों को लागू करने की चुनौतियों और अवसरों को समझने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि के सचिवालय और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वैश्विक संगोष्ठी में भारत और विदेश से लगभग 500 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इस संगोष्ठी में किसान, कृषि संगठन और वैज्ञानिक सहित अन्य लोग भी भाग लेंगे। इस दौरान भारत के पादप आनुवंशिक संसाधनों और कृषि-जैव विविधता को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जायेगी।

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