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सरकार ने चावल की घरेलू कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कुछ उपाय किए हैं। इन उपायों में एक उपाय यह है कि 1200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन और उससे अधिक मूल्य वाले बासमती चावल के निर्यात के अनुबंधों को 25 अगस्त 2023 से प्रभावी पंजीकरण-सह-आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए पंजीकृत किया जा सकता है।
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, सरकार द्वारा यह उपाय करना आवश्यक था। गैर-बासमती सफेद चावल के गलत वर्गीकरण और अवैध निर्यात के संबंध में स्थानीय क्षेत्र से विश्वसनीय रिपोर्ट प्राप्त हुई थी, जबकि इसके निर्यात पर 20 जुलाई, 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह बताया गया था कि गैर-बासमती सफेद चावल को बासमती चावल के एचएस कोड के तहत निर्यात किया जा रहा था। मंत्रालय का कहना है कि अब बासमती की नई फसल आनी शुरू हो गई है और जब नई फसल आने लगती है तो आम तौर पर कीमतों में गिरावट होती है। चावल निर्यातक संघों से प्राप्त अभ्यावेदन के आधार पर उच्च फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य, देश से बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
हाल ही में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग मंत्री ने बासमती चावल निर्यातकों के साथ एक परामर्श बैठक में भाग लिया था। इस बैठक में हुई चर्चा के आधार पर, बासमती चावल के निर्यात के लिए एपीडा द्वारा पंजीकरण-सह-आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के अनुबंध के एफओबी मूल्य की समीक्षा, सरकार के समक्ष विचाराधीन है। मंत्रालय का कहना है कि सरकार द्वारा उचित निर्णय लिए जाने तक वर्तमान व्यवस्था जारी रहेगी।