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नई दिल्ली : भारत सरकार देश में नारियल की खेती (Coconut Farming ) को बढ़ावा देने के लिए नारियल समुदाय से जुड़े किसानों को हरसंभव मदद देती रहेगी. देश में नारियल आधारित बिजनेस की संख्या बढ़ते हुए देख सरकार इस ओर ज्यादा ध्यान दे रही है, क्योंकि इस ओर बिजनेस की संख्या में वृद्धि के साथ ही मार्किट में नए प्रोडक्ट और रोज़गार के कई अवसर भी बढ़ रहे हैं. यह बात केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कही.
दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कोयम्बटूर में नारियल समुदाय के किसानों के सम्मेलन में कहा कि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए इसे मजबूत बनाना, आगे बढ़ाना व किसानों के लिए मुनाफे की खेती सुनिश्चित करना केंद्र एवं राज्य सरकार का दायित्व है. उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में नारियल की खेती का योगदान काफी महत्वपूर्ण है. नारियल की खेती में भारत दुनिया के तीसरे बड़े उत्पादकों में से एक हैं. इसका बड़ा हिस्सा तमिलनाडु के अधीन है, जिसके तहत नारियल के अधीन क्षेत्र का 21 प्रतिशत, उत्पादन का 26 प्रतिशत है. तमिलनाडु में नारियल खेतीगत क्षेत्र की दृष्टि से कोयम्बटूर पहले नंबर पर है, जहां 88,467 हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल की खेती हो रही है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने आगे कहा कि यहां के लोग नारियल क्षेत्र के विकास व कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. नारियल विकास बोर्ड छोटे-सीमांत किसान एकीकृत कर त्रिस्तरीय किसान समूह बना रहा है. राज्य में वर्तमान में 697 नारियल उत्पादक समितियां, 73 नारियल उत्पादक फेडरेशन एवं 19 नारियल उत्पादक कंपनियां हैं. भारत में प्रति वर्ष 3,638 मिलियन नारियल की प्रसंस्करण क्षमता के साथ 537 नई प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने हेतु समर्थन दिया गया है. यह सफलता बोर्ड द्वारा देश में कार्यान्वित मिशन कार्यक्रम के ज़रिए हासिल हुई है. इनमें से 136 इकाइयां तमिलनाडु की हैं, जो रोजगार के अवसर सृजित कर रही हैं तथा किसानों की माली हालत सुधारने में भी मदद कर रही हैं.