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ख़रीफ़ के दौरान सूखे से खाद्य उत्पादन में लगभग 50% की गिरावट की आशंका

ख़रीफ़ के दौरान सूखे से खाद्य उत्पादन में लगभग 50% की गिरावट की आशंका
ख़रीफ़ के दौरान सूखे से खाद्य उत्पादन में लगभग 50% की गिरावट की आशंका

दक्षिण-पश्चिम मानसून की कमी और अनियमित वर्षा के साथ समाप्त होने के साथ फसलों के नुकसान के कारण कर्नाटक में खाद्य उत्पादन अनुमानित 111 लाख टन से घटकर 58 लाख टन होने का अनुमान है।

सबसे ज्यादा 11.84 लाख हेक्टेयर में मक्का की फसल का नुकसान हुआ है। इसके बाद 7.16 लाख हेक्टेयर में तुअर, 4.45 लाख हेक्टेयर में रागी, 4.04 लाख हेक्टेयर में कपास, 2.7 लाख हेक्टेयर में मूंगफली और गन्ना, 2.2 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन, 2.2 लाख हेक्टेयर में धान की फसल का नुकसान हुआ है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कुल नुकसान 39.74 लाख हेक्टेयर आंका गया है।
राज्य के 195 तालुकों में सूखा घोषित किया गया है।

कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इस ख़रीफ़ के दौरान राज्य में सूखे की स्थिति के कारण खाद्य उत्पादन में लगभग 50% की गिरावट होने की उम्मीद है। लौटते मानसून में खाद्य उत्पादन को संतुलित करने के प्रयास किए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि धान, रागी, तूर, मूंगफली, कपास और ज्वार जैसी फसलें बर्बाद हो गई हैं। क्षेत्र के आधार पर, अधिकारियों को किसानों को वैकल्पिक फसलों का सुझाव देने का निर्देश दिया गया है।
 

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