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मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने भविष्यवाणी की है कि भारत में 2024 में सामान्य मानसून रहने की संभावना है। इससे भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था को जून-सितंबर की बारिश के मौसम से पहले गर्मियों के दौरान सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिनों की के बाद कुछ राहत मिलेगी। एजेंसी का कहना है कि भारत में 2024 में अपेक्षित सामान्य मानसून का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर कृषि क्षेत्र के लिए। स्काईमेट को काफी उम्मीद है कि चार महीने की अवधि में मानसूनी बारिश लंबी अवधि के औसत 868.6 मिमी की 102 प्रतिशत तक होगी।
यह पूर्वानुमान उन कृषि गतिविधियों के लिए आशा भरा है, जो सिंचाई के लिए इस बारिश पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। भारत की कृषि भूमि, जिसमें सिंचाई सुविधा का अभाव है, चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों की खेती के लिए मानसून की बारिश पर निर्भर करती हैं। सामान्य मानसून की भविष्यवाणी से कृषि उत्पादकता में सुधार, उच्च फसल पैदावार और कृषि क्षेत्र में समग्र आर्थिक विकास हो सकता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल-जून की अवधि में, देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य चार से आठ दिनों की तुलना में 10-20 दिन हीटवेव रिकॉर्ड हो सकते हैं। स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह का इस पूर्वानुमान में कहना है कि, अल नीनो तेजी से ला नीना की ओर बढ़ रहा है और ला नीना वर्षों के दौरान मानसून परिसंचरण मजबूत हो जाता है।
उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में पर्याप्त रूप से अच्छी बारिश की उम्मीद है, जिसमें उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
2024 में सामान्य मानसून की यह भविष्यवाणी भारत के कृषि क्षेत्र के लिए आशा की किरण जगाती है, जो हाल के वर्षों में चरम मौसम की घटनाओं से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहा है। मानसूनी बारिश के समय पर और पर्याप्त आगमन से फसल की पैदावार, खाद्य सुरक्षा और देश की समग्र आर्थिक भलाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।